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दलमा इको सेंसेटिव जोन के खिलाफ उग्र आन्दोलन की तैयारी, मंच ने दमनकारी कानून निरस्त करने अपील…

वन विभाग आदिवासीयों को बना रहा मुर्ख, गांव में नोटिस भेज कर सर्वे का ढिंढोरा पिटा जा रहा है…सत्य नारायण

 

चांडिल (कल्यण पात्रा) चांडिल दलमा क्षेत्र ग्राम सभा सुरक्षा मंच एवं संयुक्त ग्राम सभा मंच, झारखंड के संयुक्त तत्वाधान में दलमा इको सेंसेटिव जोन को लेकर एक समीक्षा बैठक रखा गया । जिस में आदिवासी युवा एकता मंच, झारखंड प्रदेश अध्यक्ष,सत्य नारायण, सोसियो इकोनोमिक एन्ड रिसर्च सेन्टर रामगढ़ चांडिल के प्रतिनिधि उपस्थित थे। इको सेंसेटिव जोन को लेकर दैनिक अखबार में छपी खबर दिनेश चन्द्रा का बयान दिया की विभाग के द्वारा नोटिस सर्वे के लिए भेजा गया है ।

जिसे लेकर वैठक में मंच वन विभाग के बयान को सोची समझी साजिश बताया और कर कि वन विभाग आदिवासीयों को डरा की जंगल से बाहर करना ख्हता है । दिनेश चन्द्रा ने बताया है कि विभाग सर्वे के लिए नोटिस भेज रहे हैं तो फिर नोटिस में अपना पक्ष न सुनिश्चित करने पर पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम, 1986 (1986 का 29) की धारा 19 एवं विभिन्न वन अधिनियमों के अन्तर्गत इको सेन्सिटिव जोन की निगरानी समिति द्वारा नियमानुसार विधिसम्वत कार्रवाई करने की बात नोटिश में अंकित है ।

मंच दलमा इको सेंसेटिव जोन का विरोध तब तक करेगा जब तक यह दमनकारी कानून निरस्त न हो जाए क्योंकि दलमा इको सेंसेटिव जोन सीधा हमला दलमा तराई क्षेत्र के अदिवासी समुदाय के सांस्कृतिक धरोहर पर हमला है ।

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