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संदर्भ : भागलपुर में पीएम मोदी
मोदी और नितीश कुमार, फिर जीतेंगे बिहार

संजय कुमार विनीत
वरिष्ठ पत्रकार एवं राजनीतिक विश्लेषक

पीएम मोदी ने नितीश कुमार को लाडले मुख्यमंत्री जैसे शब्दों से सुशोभित कर जहाँ एक ओर एनडीए बिहार में आगामी चुनाव नीतीश कुमार के नेतृत्व में ही लडेगी यह स्पष्ट कर दिया, वहीं गठबंधन सरकार के लिए अपने को सबसे सक्षम सिद्ध कर दिया।

हलांकि,पीएम मोदी किसानों को समर्पित एक विशाल जनसभा को संबोधित कर रहें थें, पर एनडीए के बिहार में 20 बर्षो की कार्य प्रदर्शन का बखान किया। विपक्षी चुनावी बर्ष में पीएम मोदी की बिहार यात्रा पर सवाल उठा रही है, पर एनडीए ने मास्टर स्ट्रोक से अपने चुनावी तैयारियों की शुरुआत कर जीत पक्की करने के पथ पर अग्रसर हो गयी।

अवसर था भागलपुर में किसानों को समर्पित एक जनसभा का। किसानों को लुभाने के लिए किसानों के सम्मान में केला द्वार, जर्दालु आम द्वार, मखाना द्वार, कतरनी धान द्वार, टमाटर द्वार बनाए गए थे‌।

ये सभी तोरणद्वार भागलपुर व आसपास के प्रसिद्ध फलों व फसलों के नाम पर रखे गए हैं। अंगिका भाषा से सबको नमस्कार कर जहाँ पीएम मोदी ने किसानों के दिल जीत लिए, वहीं किसान सम्मान निधि की 19 वीं किस्त जारी कर बिहार के किसानों को सम्मानित कर गौरवान्वित किया। देश के 9.7 करोड़ किसानों के खाते में 20 हजार करोड़ रुपये ट्रांसफ़र किए ।इनमें से 1600 करोड़ रुपये बिहार के 76 लाख किसानों के खाते में भी भेजे गये। भागलपुर और आसपास के बारह जिलों के लाखों उपस्थित किसानों को अपने मोबाइल फोन पर मैसेज देखते और खुश होते देखा गया।

इधर, कयी कार्यक्रमों में गायब रहे नीतीश कुमार को लेकर चर्चा का बाजार गर्म था। पर इस समारोह में एयरपोर्ट से मंच तक किसानों के बीच से गुजरने वाले अपने रोड शो में अपने साथ सिर्फ नीतीश कुमार को रखकर मतभेद के प्रश्न को विराम लगा दिया। पीएम मोदी ने अपने दोनों डिप्टी सीएम तक को इससे दूर रख एक बड़ा संदेश दिया।सीएम नीतीश कुमार भी अपने सम्बोधन में जहाँ कयी बार पीएम मोदी के लिए श्रद्धेय, आदरणीय जैसे सम्मान जनक शब्दों का चयन कर एकजुटता का विश्वास दिलाया, वहीं पीएम मोदी का नीतीश कुमार के लिए लाडले मुख्यमंत्री का सम्बोधन राजनीतिक गलियारों में एक दूसरे के प्रति नाराजगी की चर्चा को पुर्ण विराम लगा दिया।

बहुत सारे लोगों को लगा करता है कि पीएम मोदी को गठबंधन की सरकार चलाने का अनुभव नही है। क्योंकि सबने मुख्यमंत्री रहते गुजरात में और केंद्र में 2014 और 2019 की बहुमत वाली सरकार चलाते हुए मोदी को देखा है। जिसमें कोई चैलेंज नहीं था। पर हम भूल जाते हैं कि मोदी ने राष्ट्रीय सचिव के पद पर रहकर तत्कालीन पंजाब और हरियाणा की भाजपा गठबंधन की सरकार को ना सिर्फ अच्छे से देखा है, बल्कि संकटमोचन की तरह दोनों राज्यों में गठबंधन की सरकार को बरकरार रखा था। विपक्षी पार्टियां भी इस तथ्य को भूल जाती है, और यही कारण है कि 2024 में भाजपा के 240 सीट मिलने पर तालियाँ बजानी शुरू कर दी थी कि अब एनडीए सरकार का जाना तय है।

एक ओर मंच पर अपने गठबंधन के साथी हम सुप्रिमो जीतन राम मांझी, लोजपा ( रा) सुप्रिमो चिराग पासवान को भी साथ रखकर गठबंधन की एकजुटता का बखूबी प्रदर्शन करने में मोदी सफल रहें, वहीं अब भी विपक्षी पार्टियां गठबंधन को लेकर वयानवाजी तक ही सीमित है। हरियाणा, महाराष्ट्र, दिल्ली जीतकर जहाँ मोदी आगे जीत के लिए बढ रहें हैं, वहीं विपक्षी पार्टियां इन हार से अबतक कोई सबक नहीं ले पायी है। विपक्षी पार्टियां अबतक गठबंधन के लिए कोई स्पष्ट संदेश नहीं दे पायी है। इससे उलट अबतक एक दूसरे को कमजोर कहते हुए आहत करने में लगे हैं। शायद ये सीट शेयरिंग में अपने हिस्से ज्यादा सीट मिले वाली रणनीति हो, पर इससे एनडीए को फायदा मिलना तय हो जाता है।

पीएम मोदी के बिहार आगमन पर विपक्षियों ने भी खूब सवाल उठाये। राजद सुप्रिमो लालू यादव, बिधानसभा में नेता विपक्ष तेजस्वी यादव और उनकी बहन रोहिणी यादव ने भी सोशल मीडिया पर चुनावी बर्ष में बिहार दौरे पर सवाल उठाये और पिछले वादों को याद दिलाया। पर आज नीतीश कुमार ने अपने मुख्यमंत्री काल 2005 से पहले के बिहार में अपहरण, अपराध, बिजली और सडकों की स्थिति को याद दिलाया । वहीं पीएम मोदी ने कहा कि मैंने लाल किले से कहा है कि विकसित भारत के चार मजबूत स्तंभ हैं। ये स्तंभ हैं- गरीब, किसान, महिला और नौजवान! एनडीए सरकार, चाहे केंद्र में हो या फिर प्रदेश में, किसान कल्याण हमारी प्राथमिकता है। किसान को खेती के लिए अच्छे बीज चाहिए, पर्याप्त और सस्ती खाद चाहिए, सिंचाई की सुविधा चाहिए, पशुओं का बीमारी से बचाव चाहिए और आपदा के समय नुकसान से सुरक्षा चाहिए। पहले इन सभी पहलुओं को लेकर किसान संकट से घिरा रहता था। जो लोग पशुओं का चारा खा सकते हैं, वो इन स्थितियों को कभी नहीं बदल सकते हैं। एनडीए सरकार ने इन स्थितियों को बदला है।’

बिहार एनडीए को एक मास्टर स्ट्रोक का इंतजार था, ताकि बिहार में चुनाव प्रचार की शुरूआत की जा सके। दिल्ली विधानसभा चुनाव में अप्रत्याशित जीत से उत्साहित थे ही। अब एनडीए के लिए उसका समय भी आ गया है। पीएम नरेंद्र मोदी भागलपुर की सरजमीं पर पूरे बिहार के किसानों को अपनी आवाज दिया और अंग क्षेत्र को काफी सौगात दिया तो पीएम मोदी का भरोसा और सीएम नीतीश का चेहरे से बिहार का एक बड़ा हिस्सा सध जाने की उम्मीद एनडीए को है।