
झारखंड राज्य घासी समाज के बैनर तले वनभोज सह मिलन समारोह का आयोजन, शिक्षा और संगठन पर जोर
राँची/ तुपुदाना । झारखंड राज्य घासी समाज के बैनर तले रविवार को डुंगरी तुपुदाना स्थित सेनेटोरियम डैम परिसर में वनभोज सह मिलन समारोह का आयोजन भव्यता के साथ संपन्न हुआ। इस आयोजन में राज्यभर से समाज के सैकड़ों सदस्य जुटे और सामाजिक एकता, शिक्षा व आत्मनिर्भरता को लेकर विचार साझा किए।
इस अवसर पर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में बेरमो अनुमंडल पदाधिकारी मुकेश मछुआ उपस्थित रहे, जबकि विशिष्ट अतिथियों में पद्मश्री महावीर नायक व पद्मश्री मुकुंद नायक जैसे सम्मानित लोक कलाकार शामिल थे। पूर्व विधायक रामचंद्र नायक, नायक युवा कल्याण समिति के अध्यक्ष संदीप ‘टाइगर’ नायक, कार्यकारी अध्यक्ष मुकेश नायक, तथा समाज के कई वरिष्ठ पदाधिकारीगण मंच पर उपस्थित रहे।
मुख्य अतिथि मुकेश मछुआ ने अपने संबोधन में कहा कि, “आज समाज को शिक्षित करना सबसे बड़ी जरूरत है। यदि हम अपने अधिकारों के लिए संगठित होकर लड़ें, तो आने वाले समय में हमारे समाज से अनगिनत प्रशासनिक अधिकारी निकल सकते हैं।”
वहीं पद्मश्री मुकुंद नायक ने युवाओं को समाज का भविष्य बताते हुए उन्हें नेतृत्व की भूमिका निभाने का आह्वान किया।
पद्मश्री महावीर नायक ने राज्य की सरकारी भूमि का उपयोग कर तालाब निर्माण और मछली पालन के जरिए समाज को आत्मनिर्भर बनने की दिशा में आगे बढ़ने की सलाह दी।
युवा कल्याण समिति के अध्यक्ष संदीप ‘टाइगर’ नायक ने युवाओं से नशा छोड़ने और शिक्षा की ओर अग्रसर होने की अपील करते हुए कहा कि, “हमारी आने वाली पीढ़ी शिक्षित होगी, तभी हम प्रशासनिक सेवा में भी प्रभावशाली उपस्थिति दर्ज करा सकेंगे।”
कार्यकारी अध्यक्ष मुकेश नायक ने कहा कि शिक्षा की कमी के कारण समाज को योजनागत लाभों से वंचित रहना पड़ता है, अतः जब तक लक्ष्य प्राप्त न हो, तब तक संघर्ष जारी रहना चाहिए।
कार्यक्रम के सफल संचालन में विनोद नायक की भूमिका उल्लेखनीय रही। आयोजन को सफल बनाने में संजय नायक, अजय नायक, पिंटू नायक, राकेश नायक, महावीर नायक, राजू नायक (डुंगरी), धरमु नायक, देवानंद नायक समेत कई कार्यकर्ताओं का योगदान रहा।
इस आयोजन में समाज के युवा एवं वरिष्ठ सदस्यगण, महिलाएं एवं बुद्धिजीवी बड़ी संख्या में शामिल हुए। प्रमुख रूप से दीपक नायक, मनोज नायक, अनेश नायक, निखिल नायक, सकलू नायक, साथ ही दीपिका कुमारी, विनिता देवी, राधा देवी, मुनी देवी, शांति देवी, श्वेता देवी, राज देवी की सक्रिय भागीदारी रही। समारोह का समापन समाज में एकजुटता, जागरूकता और आत्मनिर्भरता की प्रेरणा के साथ हुआ।
