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8, 9 और 10 मार्च को कुड़मी समाज का महामंथन, चांडिल से हजारों लोग होंगे शामिल…

हुलहुली टांइड़ में कुड़मी समाज के तीन दिनों का महामंथन के बाद, होगी महाआंदोलनों की घोषणाएं –अजीत प्रसाद महतो

चांडिल: सुदेश कुमार :  मंगलवार को आदिवासी कुड़मी समाज के तत्वावधान में चांडिल स्थित कदमडीह में सरायकेला जिला के विशेष प्रतिनिधि मंडलों की एक बैठक बुलाई गई थी। इस बैठक के मुख्य अतिथि आदिवासी कुड़मी समाज के (मुख्य संयोजक) मुलखुंटि मुलमान्ता अजीत प्रसाद महतो ने कहा कि केंद्र व राज्य सरकार दोनों ही वादा खिलाफी है। रेल-टेका व डहर छेंका आंदोलन को इसलिए 5 दिनों के बाद स्थगित क्या गया था क्योंकि दोनों सरकारों ने एक ही आश्वासन दिये थे कि 3 महीनों के अंदर हमारी तीनों मांगे पूरी हो जाएगी।

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परंतु आज तक आश्वासन के शिवाय कुछ नहीं देखने को मिला। इसलिए 8, 9 और 10 मार्च को लगभग लाखों की संख्या में पुरुलिया स्थित हुलहुली टांइड़ में ऐतिहासिक कुड़माली जिआउ महाजुड़आही (महाजुटान) होगी। इस कार्यक्रम में ओडिशा, पश्चिम बंगाल, झाड़खंड, छत्तीसगढ़, असम, बांग्लादेश एवं अन्य राज्यों के लगभग 20 लाख लोग शामिल होंगे, इसके लिए पूरी तैयारी की गई है। श्री महतो ने बैठक में शामिल सभी लोगों को संबोधित करते हुए फिर कहा कि इस बार की महामंथन में समाज के मुख्य तीन मांगों को पुनः हासिल करने के लिए सभी बुद्धिजीवीवर्ग, वरिष्ठ नेतृत्वकर्ता एवं समाज के शुभचिंतकों द्वारा इस विषय पर गहन चर्चाएं होगी।

जिसमें पहला कुड़मी को अनुसूचित जनजाति में यथाशीघ्र शामिल किया जाए। दूसरा कुड़माली भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल किया जाए और तीसरा कुड़मी एक प्रकृतिवादी हैं, इसके लिए सारना धर्म कोड लागू किया जाए। उन्होंने फिर कहा कि इस महाजुटान में हितमितान सह कुड़मी नामधारी के सभी संगठनों के नेतृत्व, समर्थक और सभी राजनीतिक मतभेदों भुलाकर वर्तमान एमएलए, एमपी मंत्रियों सहित सभी राजनीतिक नेताओं को भी मंथन के लिए आमंत्रित किया गया है। ताकि हमारी मांगों की स्थिति को स्पष्ट एवं सही दिशा निर्देश मिलें।

बैठक में आदिवासी कुड़मी समाज के केंद्रीय अध्यक्ष शशांक शेखर महतो, केंद्रीय उपाध्यक्ष डॉ सुजीत कुमार महतो, सरायकेला जिला प्रभारी प्रभात कुमार महतो, अशोक पुनअरिआर, गुणधाम मुतरुआर, जयचांद बांसरिआर, कलेश्वर कड़इआर, रमेशचन्द्र काड़ुआर, राजकिशोर हिंदइआर, शीतल पुनअरिआर, दामोदर, सुबोध, देवेन्द्रनाथ, कृष्णपद, झाबुराम, कार्तिक, दिलीप, प्रदीप, विख्यात मादइला नन्दलाल महतो आदि मुख्य रूप से उपस्थित थे।

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