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पिछड़ा वर्ग संघर्ष मोर्चा ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन देकर जातिगत जनगणना, पिछड़े वर्ग को आरक्षण सहित विधानसभा में पिछड़ों के लिए 42 सीट आरक्षित करने का किया मांग…

दुमका : मौसम कुमार गुप्ता  ।

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पिछड़ा वर्ग संघर्ष मोर्चा, संताल परगना के कार्यकारी अध्यक्ष असीम कुमार मंडल ने झारखण्ड सरकार के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को उपायुक्त ए दोड्डे के माध्यम से ज्ञापन देकर 25 अगस्त को सम्पन्न स्व० वीपी मंडल जी की जयंती के अवसर पर पिछड़े वर्ग संघर्ष मोर्चा के महासम्मेलन में सर्वसम्मति से पारित प्रस्तावों के संबंध में न्यायोचित कार्रवाई करते हुए संबंधित विभागों के माध्यम से नागरिकों को भारतीय संविधान में उल्लेखित नागरिक अधिकार के संबंध में निर्णय लेकर समिति को अवगत कराने का आग्रह किया गया है ।

प्रधान महासचिव डॉ अमरेन्द्र कुमार यादव ने बताया कि मोर्चा की प्रमुख मांग सामाजिक और आर्थिक विकास के सम्यक कल्याणकारी एवं जनहितकारी योजना बनाने हेतु जाति गणना अविलंब कराया जाय ।

1 . झारखण्ड राज्य बनने के बाद पिछड़े वर्ग को संवैधानिक अधिकार के तहत दिये गये 27% आरक्षण को घटाकर 14% किया गया है, उसे तत्काल प्रभाव से ओबीसी वर्ग को 27% आरक्षण वापस किया जाय ।
2. दुमका सहित लोहदगा, गुमला, सिमडेगा, पश्चिमी सिंहभूम, लातेहार, खूँटी सभी सात जिलों में ओबीसी आरक्षण शुन्य किया गया है, उन सभी जिलों में 27% आरक्षण दिया जाय।
3. वर्तमान समय में जाति संबंधी कोई वैधानिक आंकड़े सरकार के पास उपलब्ध नहीं है, पंचायत क्षेत्र के कुल ओबीसी वोटर के आधार पर पिछड़े एवं अल्पसंख्यक पिछड़े की कुल जनसंख्या राज्य के जनसंख्या का अनुमानित 70-72% है। उक्त स्थिति में राज्य एवं जिला रोस्टर में ओबीसी वर्ग को तमिलनाडु के तर्ज पर 36-52% आरक्षण दिया जाय।
4. न्यायिक सेवा में कोलेजियम व्यवस्था में विशेष पद्धति अपनाकर 36-52% का भागीदारी दिया जाय ।

5. विधानसभा में पिछड़े वर्ग के लिए 42 सीट आरक्षित किया जाय।
6. सभी अनुसूचित जिलों में एकल पद आरक्षण में पंचायत को ईकाई मानकर पंचायत प्रतिनिधियों के पदों को जातिवार जनसंख्या के अनुसार ही आरक्षित किया जाय।
7. नियुक्ति हेतु विभिन्न पदों जैसे पीजीटी, सहायक आचार्य आदि रिक्तियों में पिछड़े वर्ग के लिए वर्तमान समय में निर्धारित 6 और 8% का आरक्षण भी नहीं दिया गया है, जिसके विरोध में पीजीटी आवेदक उच्च न्यायालय में रीट याचिका दाखिल किया है, उक्त रिक्तियों में निर्धारित आरक्षण दिया जाय, गलत आरक्षण की विज्ञापन देने के लिए जिम्मेवार अधिकारी पर कार्रवाई किया जाय ।
8. पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग का गठन किया जाय। सभी जिलों में पिछड़ी जाति के आवासीय विद्यालय के छात्रों के लिए अलग तथा छात्राओं के लिए अलग जाय। सभी विश्वविद्यालय एवं कॉलेजों में पिछड़ी जातियों के छात्र-छात्राओं के लिए कल्याण छात्रावास खोला जाय ।
9. पिछड़े वर्ग के शिक्षक, कर्मचारी पदाधिकारियों के प्रोन्नति के सभी स्तरों में पिछड़े वर्ग को निर्धारित आरक्षण दिया जाय।

इसकी प्रतिलिपि मुख्य सचिव, झारखण्ड, सचिव कार्मिक एवं प्रशासनिक सुधार विभाग, सचिव कल्याण विभाग, सचिव पंचायती राज विभाग को सूचनार्थ एवं आवश्यक कार्यार्थ हेतु प्रेषित किया गया है। आवेदन पत्र में महासचिव रंजीत जायसवाल व दयामय माजि, अजित कुमार मांझी, बुद्धिजीवी मंच के अध्यक्ष शिव नारायण दर्वे, जिला प्रधान महासचिव जयकांत कुमार सहित पिछड़ा वर्ग मोर्चा के कई पदाधिकारियों ने हस्ताक्षर किया है।

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