बारहा दिशोम बाहा 11 मार्च को, शहरबेड़ा में होगा भव्य आयोजन, कार्यक्रम में शामिल होंगे प्रतिष्ठित लोग
रिपोर्ट : कल्याण पात्रो
चांडिल : आदिवासी समाज के प्राचीन बाहा पर्व (बाहा बोंगा) का भव्य आयोजन 11 मार्च 2025 मंगलवार को किया जाएगा। यह आयोजन सरायकेला जिला के चांडिल प्रखंड अंतर्गत शहरबेड़ा, एनएच-33 के सामने होगा। बारहा दिशोम (चांडिल, नीमडीह, बोड़ाम, पटमदा सहित 58 गांवों) के लोग मिलकर इस पर्व को मनाएंगे। बाहा पर्व प्रकृति की उपासना और आभार व्यक्त करने का पर्व है। इसे समृद्धि, एकता और संगठन का प्रतीक माना जाता है। इस दिन मारांग बुरु, जाहेर आयो, मोड़ें को और बुरू बोंगा की पूजा साल और महुआ के फूलों से की जाती है। आदिवासी समाज के लोग पारंपरिक वस्त्र धारण कर मांदर, ढोल और नगाड़ों की थाप पर नृत्य करते हैं। नायके बाबा (पूजारी) को सम्मानपूर्वक जाहेर स्थान में लाया जाता है और पूजा-अर्चना की जाती है। कार्यक्रम की समय सारणी के अनुसार सुबह 7 बजे से दिसम नायके का स्वागत, सुबह 8 बजे से पारंपरिक पूजा-पाठ की शुरुआत सुबह 11 बजे से प्रसाद वितरण, दोपहर 12 बजे से अतिथियों का स्वागत, दोपहर 1 बजे से सम्मान समारोह तथा दोपहर 2 बजे से बाहा एनेज टीम अदिबासी ब्राइट क्लब द्वारा बाहा एनेज नृत्य प्रस्तुत किया जाएगा। सभी प्रतिभागी मिलकर पारंपरिक नृत्य एवं गान में हिस्सा लेंगे। इस आयोजन में मांझी, नायके, भरदो, गडेत, पारानिक के साथ-साथ सामाजिक कार्यकर्ता, शिक्षाविद्, छात्र, राजनेता और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहेंगे। मांझी पारगाना माहाल बारहा दिशोम के अध्यक्ष पुटूलाल हांसदा, मांझी बाबा बबलू टुडू, धनंजय मुर्मू, सुजन मारडी, बनमाली हांसदा, शंकर मुर्मू, विजय मुर्मू, सुदन टुडू, लाल मोहन हांसदा, जीवन आदि बैठक में उपस्थित रहे और आयोजन को सफल बनाने के लिए आवश्यक निर्णय लिए। बाहा पर्व समाज की एकता, संस्कृति और परंपरा को सहेजने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। इस बारहा दिसम बाहा बोंगा में पूरे क्षेत्र के लोग बड़ी संख्या में भाग लेकर आदिवासी समाज की सांस्कृतिक विरासत को जीवंत बनाएंगे।