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बेरमो में बलास्टिंग जोन में रहना विस्थापितों के लिए हुआ मुश्किल, विस्थापित नेता प्रमोद सिंह का परिवार बाल-बाल बचा, घर की छत-दीवार टूटी…

बेरमो (शिवपूजन सिंह) बेरमो में कोल इंडिया लगातार विस्थापितों की जिंदगी से खेल रहा है . इस बार कारो बस्ती के निकट ब्लास्टिंग जोन में रह रहा एक विस्थापित परिवार की जान बाल-बाल बच गई. गनीमत और भगवान का शुक्र था की, उस वक़्त विस्थापित नेता प्रमोद सिंह के घर के उस कमरे में कोई नहीं था. नहीं तो किसी की जान जानी तय थी. प्रमोद सिंह का छत उखड़ गया, वहीं दीवारों पर दरारें आ गई. उस वक्त अगर कोई भी इंसान रहता तो उसकी जान जानी तय थी. विस्थापित नेता प्रमोद सिंह ने बताया कि बी.एड. के प्रबंधन की लापरवाही और वादाखिलाफ़ी के चलते यहां के काफी लोग मौत के साये में जीने को मजबूर है।

उन्होंने आरोप लगाया कि सीसीएल पुनर्वास के बारे में कुछ नहीं कर रही है. अगर इसका मुक़म्मल इंतज़ाम नहीं किया जाता है, तो कई परिवार कोल माइंस के नजीदक एक अनाम खतरे के साये में जी रहे हैं। जिसकी जान कभी भी जा सकती है, उन्होंने कोल इंडिया और बी.एंड.के प्रबंधन से मदद औऱ मुआवजे की गुहार लगाई। उन्होंने साफ-साफ कहा कि आने वाले दिनों में यहां के बाशिंदों की मुश्किलें बढ़ेगी, क्योंकि ब्लास्टिंग जोन में रहना जिंदगी और मौत के बीच जीवन बसर करना है। अगर देखा जाए तो कारो बस्ती में पहले भी बलास्टिंग से कई घरों को नुकसान पहुंचा है, यहां विस्थापित पहले भी नौकरी और मुआवजे की मांग करते हुआ आंदोलन करते रहे हैं । लेकिन, दशकों से यहां समस्या बनी हुई है । सीसीएल प्रबंधन को इच्छाशक्ति जागृत कर इस समस्या का समाधान करना चाहिए. ताकि विस्थिपित भी एक नई जिंदगी की शरुआत कर सके ।

 

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