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गर्भवती महिला को 1 किलोमीटर गोद में उठाकर गाड़ी तक महिलाओं ने पहुंचाया

चाईबासा ब्यूरो: झारखण्ड अलग हुए 21 वर्ष बीतने को है पर आज भी यहां झारखण्ड वासीयों के विकास के नाम पर स्थानिय नेताओं का विकास हुआ है । जहां जिले में डिस्ट्रिक्ट मिनरल फंड से करोड़ो रुपये पानी की तरह बहाया जा रहा है।चाईबासा जिले की बात करें तो आज भी जिले में कई ऐसे गांव हैं जंहा तक पहुंचने को सड़क तक नही है।जिला के अधिकांश ़क्षेत्र आदिवासी बहुल्य क्षेत्र है। जबकि आदिवासीयों के विकास के लिए झारखण्ड सरकार नित्यप्रतिदिन नई योजना को धरातल पर लाने की बात कर रहे है । वही गांव के ग्रामीण आज भी आदिम जमाने मे ही अपनी जिंदगी जीने को मजबूर हैं। पश्चिम सिंहभूम जिले के मंझारी प्रखंड के इपिलसिंगी पंचायत अंतर्गत संग्रामबासा से जोजोबेड़ा सड़क खस्ता हाल होने के कारण शनिवार को गांव की एक गर्भवती महिला को चार महिला मिलकर लगभग 1 किलोमीटर तक पैदल चलकर मुख्य मार्ग तक पहुंच कर वाहन तक पहुंचाया। जिसके बाद गर्भवती महिला को अस्पताल तक पहुंचाया गया।

सरकार विकास की जितनी भी दावे कर ले मगर धरातल पर सच्चाई देखने को मिल रही है । मंझारी प्रखण्ड के इपिलसिंगी पंचायत अंतर्गत संग्रामबासा से जोजोबेडा तक का सड़क इतना जर्जर और कीचड़मय है कि गाड़ी चलना तो दूर पैदल चलना भी मुश्किल है। ग्रामीणों के द्वारा कई बार क्षेत्रीय विधायक निरल पूर्ती को सड़क बनवाने की मांग की गई मगर ग्रामीणों को चुनावी आश्वासन के आलावा कुछ नही मिला। शनिवार  को जोजोबेडा निवासी दिनेश तामसोय की पत्नी मालती तामसोय अचानक प्रसव पीढ़ा से छटपटाने लगी। कई बार सरकारी एम्बुलेंस 108 पर संपर्क करने का प्रयास किया गया मगर संपर्क नही हो पाया। प्रसव पीढ़ा से छटपटाता देख परिजनों ने प्राइवेट गाड़ी मंगवाया मगर सड़क की स्थिति खराब है जिस कारण गाड़ी भी फंस गई, किसी प्रकार मालती तामसोय को परिजनों ने उठाकर रास्ता पार कराकर गाड़ी तक ले गए। किसी तरह परिजनों ने सदर अस्पताल चाईबासा में भर्ती  करवा और स्वस्थ बच्ची को जन्म दी। यदि स्थानिय जनप्रतिनिधी निजि स्वार्थ में रहकर केवल चुनावी प्रलोभन पर चुनाव जीतने का दावा छोड़े और आपने कर्तव्यों का पालन करें आम जनता के अधिकारों से खेलने का प्रयास न करें ।

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