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सोनुआ में ग्रामीणों ने जर्जर सड़क की मरम्मती की मांग को

लेकर किया उग्र प्रदर्शन

चाईबासा: पश्चिम सिंहभूम जिले के सोनुवा प्रखंड की सोनुवा-कुईड़ा मुख्य सड़क व बिनका चौक से आसनतलिया जर्जर सड़क के जल्द निर्माण की मांग को लेकर हजारों ग्रामीण आंदोलन का बिगुल फूंक सड़क पर उतर गए हैं. आज सुबह हजारों ग्रामीणों ने “नो रोड-वोट” के नारे साथ रैली निकाल कर विरोध प्रदर्शन किया.

हजारो ग्रामीणों के सड़क पर उतर कर प्रदर्शन किए जाने से सोनुआ मुख्य सड़क मार्ग पूरी तरह आवागमन बाधित हो गया. वर्षों से सोनुवा व गोईलकेरा प्रखंड के करीब दो दर्जन गांवों के लगभग 2000 से अधिक ग्रामीण जर्जर सड़क से परेशान थे. जिला प्रशासन की लापरवाही से नाराज ग्रामीणों ने रैली निकाल पारंपरिक हथियार तीर-धनुष से लैस होकर सोनुवा प्रखंड कार्यालय के समक्ष प्रदर्शन किया.

इस संबंध में शुक्रवार व शनिवार को कुईड़ा, बिनका, तैरा, भालुरुंगी, रेंगालबेडा समेत कई गांव में बैठक कर आंदोलन को सफल बनाने के लिए रणनीति बनाई थी, जिसकी जानकारी मिलने के बाद बीडीओ की अध्यक्षता में सोनुआ थाना में बैठक कर प्रदर्शन नही करने के लिए समझाया भी गया था. परंतु नाराज ग्रामीण नही माने. जिसके बाद जिला प्रशासन के द्वारा कोविड -19 के तहत जारी सरकार आदेश का उल्लंघन करने वालों पर नियम संगत कार्यवाई करने को लेकर नोटिस भी जारी किया गया था. लेकिन आंदोलन करने का मन बना चुके ग्रामीण नही मने और सुबह से ही ग्रामीणों का हुजूम ढोल-नगाड़े के साथ नारेबाजी करते हुए सोनुवा रेलवे स्टेशन के पास एकत्रित हुए. सभी गांव के ग्रामीणों के पहुंचने के बाद ग्रामीण रैली निकालकर सोनुवा बाजार का भ्रमण करते हुए प्रखंड कार्यलय पहुंचकर धरना-प्रदर्शन किया और जमकर नरेबाजियाँ की. इस दौरान ग्रामीणों ने जनप्रतिनिधियों के खिलाफ भी जमकर नारेबाजी की.

हालांकि बीडीओ, सीओ, थाना प्रभारी, आदि अधिकारी ग्रामीणों को समझाते रहे, परंतु ग्रामीणों ने उनकी एक नहीं सुनी और धरना प्रदर्शन करते रहे. उसके बाद घंटो प्रदर्शन करने के बाद ग्रामीणों का हुजूम प्रखंड कार्यालय के बगल स्थित स्टेडियम में जमा होकर सभा में तब्दील हो गया. रैली और धरना प्रदर्शन कार्यक्रम सभा का नेतृत्व अमित महतो ने किया.

इधर, प्रशासन अब कोविड-19 के नियमों का उल्लंघन करने वाले ग्रामीणों पर मामला दर्ज करने का मन बना रही है.

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