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मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने खरसावां शहीद स्थल पहुंचकर खरसावां गोली कांड के शहीदों को किया नमन; कहा…..

खरसावां का शहीद स्थल आदिवासियों के लिए बना प्रेरणा स्थल।

संजय मिश्रा सरायकेला:  1 जनवरी 1948 को खरसावां में हुए गोलीकांड के शहीदों की शहादत पर प्रतिवर्ष साल की पहली तारीख को आयोजित होने वाले शहीद दिवस पर खरसावां गोली कांड के शहीदों को श्रद्धांजलि देने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन खरसावां शहीद स्थल पहुंचे। जहां उन्होंने शहीद बेदी पर पहुंचकर परंपरागत तरीके से शहीदों को श्रद्धांजलि दी। और उसके बाद शहीद स्मारक की परिक्रमा करते हुए खरसावां गोली कांड के शहीदों को नमन किया। इस अवसर पर आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि पिछले सरकार के मुखिया द्वारा इस पवित्र शहीद स्थल पर शहीदों का अपमान किया गया था। जिसका नतीजा सभी ने देखा था।

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उन्होंने कहा कि पिछली सरकार ने आदिवासी मूलवासियों को दबाने और कुचलना का प्रयास किया। पत्थलगड़ी जैसे मुद्दों पर आदिवासी समाज को लगातार अस्थिर करने का प्रयास किया गया। जिसका नतीजा राज्य के आदिवासी मूल वासियों ने पिछली सरकार को उखाड़ फेंकने के काम के रूप में किया। उन्होंने कहा कि खरसावां का यह शहीद स्थल आदिवासियों के लिए प्रेरणास्थल बन चुका है। नीति निर्धारण करने वालों की उपेक्षा के कारण आदिवासी समुदाय के लोगों का आर्थिक, सामाजिक और बौद्धिक स्तर पर समुचित विकास नहीं हो सका है। परंतु वर्तमान सरकार इस दिशा में जमीनी स्तर पर सकारात्मक पहल कर रही है।

जनसभा को संबोधित करते हुए झारखंड सरकार के आदिवासी कल्याण एवं परिवहन मंत्री चंपाई सोरेन ने कहा कि झारखंड अलग राज्य आंदोलन की शुरुआत खरसाल के इसी पवित्र धरती से हुई थी। और उसी आंदोलन की प्रेरणा से झारखंड अलग राज्य का आंदोलन सफल हो सका है। जनसभा को खरसावां विधायक दशरथ गागराई में भी संबोधित किया। मौके पर मंत्री जोबा मांझी, विधायक दीपक बिरुवा, सुखराम उरांव, जिला परिषद अध्यक्ष सोनाराम बोदरा सहित झामुमो पार्टी के पदाधिकारी, विधायक प्रतिनिधि सह झामुमो युवा मोर्चा के जिला अध्यक्ष सनद कुमार आचार्य, लिपू मोहंती सहित अन्य उपस्थित रहे।

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