Spread the love

भव्य कलश यात्रा निकालने के साथ शुरु श्रीमद् भागवत सप्ताह ज्ञान यज्ञ। श्रीधाम वृंदावन से पहुंची कथा विदूषी ऋत्विजा शास्त्री ने भागवत महापुराण के रहस्यों को समझाया।

श्रद्धालुओं ने किया भागवत कथा का रसपान, लगे राधे-राधे के जयकारे…

सरायकेला: संजय मिश्रा  : खरसावां के काली मंदिर परिसर में बुधवार से संगीतमय श्रीमद् भागवत सप्ताह ज्ञान यज्ञ शुरू हुई. कार्यक्रम की शुरुआत भव्य कलश यात्रा के साथ की गयी. इस दौरान बाजा-गाजा के साथ पीले रंग की साड़ी पहनी 108 महिलाओं ने खरसावां के सोना नदी से कलश यात्रा निकाल कर कार्यक्रम स्थल पर स्थापित किया. श्रीधाम वृंदावन से आयी विदुषी दीदी ऋत्विजा शास्त्री के नेतृत्व में निकाली गयी कलश यात्रा में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए. इस दौरान व्यास पीठ पर श्रीमद् भागवत महापुराण की पूजा अर्चना कर आरती भी उतारी गयी.
— निकाली गयी आकर्षक झांकी
भागवत कथा के दौरान आकर्षक झांकियां भी निकाली गई. इस दौरान राधे-राधे व जय श्रीकृष्ण के उद्घोष से पूरा क्षेत्र गुंजायमान था. इस धार्मिक अनुष्ठान के लोकर पूरा खरसावां भगवा रंग में रंगा नजर आया. संगीतमय श्रीमद् भागवत सप्ताह ज्ञान यज्ञ में बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे थे. इस दौरान अभिषेक षड़ंगी, रासबिहारी मंडल, देवाशीष नायक, माधव चरण पतसथि, शचिंद्र कुमार दाश, अजीत कुंभकार, अमित पात्र, अनुपमा बैज, आरती पात्र, कन्हैया कर्मकार, नयन नायक, शैलेश सिंह, वैद्यनाथ मालाकार, जितेंद्र, राजेश आदि मौजूद थे.

— रोजाना संध्या पांच से आठ बजे तक होगा प्रवचन:-
खरसावां के काली मंदिर सामुदायिक भवन में रोजाना संध्या 5 बजे से 8 बजे तक संगीतमय श्रीमद् भागवत सप्ताह ज्ञान यज्ञ का आयोजन किया जायेगा. श्रीधाम वृंदावन की कथाविदूषी दीदी ऋत्विजा शास्त्री प्रवचन देंगी. इस दौरान राधा-कृष्ण के विभिन्न लीलाओं को नृत्य-संगीत के माध्यम से भी पेश किया जायेगा. आयोजन समिति की ओर से क्षेत्र के लोगों से इस कार्यक्रम में भाग लेने की अपील की गयी है.

— श्रीमद् भागवत गीता की प्रासंगिकता युगो-युगों तक बनी रहेगी:दीदी ऋत्विजा शास्त्री।

श्रीमद् भागवत सप्ताह ज्ञान यज्ञ के पहले दिन कथ सुनाते हुए श्रीधाम वृंदावन से आयी विदुषी दीदी ऋत्विजा शास्त्री ने श्रीमद् भागवत महापुराण के विभिन्न प्रसंगों पर प्रकाश डाला. उन्होंने कहा कि हिन्दुओं के अट्ठारह पुराणों में से एक श्रीमद् भागवत में 18 हजार श्लोक, 335 अध्याय व 12 स्कंध हैं, जिनमें भगवान विष्णु के अवतारों का ही वर्णन है. उन्होंने कहा कि श्रीमद् भागवत गीता की प्रासंगिकता युगो-युगों तक बनी रहेगी. भक्त व भगवान के बीच के संबंध पर विस्तार से प्रकाश डाला.

भागवत कथा का जो श्रवण करेगा, वह निश्चित रूप से संस्कारवान होगा. दीदी ऋत्विजा शास्त्री ने कहा कि भागवत कथा के श्रवण मात्र से ही पुण्य मिलती है. उन्होंने कहा कि जहां भी भागवत कथा हो रहा हो, वहां पहुंच कर प्रभु के नाम का श्रवण करना चाहिये. इस कलयुग में केवल भगवान का नाम जपने भर मात्र से सहज ही भक्ति की प्राप्ति हो जाती है.

दीदी ऋत्विजा शास्त्री ने कहा कि धर्म की रक्षा के लिये प्रभु ने इस धरती पर बार बार जन्म लिया. इस कलयुग में धर्म की रक्षा अच्छे संस्कारों से ही हो सकती है. भागवत कथा के श्रवण के दौरान श्रद्धालु मंत्रमुग्ध हो गए. भागवत कथा सुनने पहुंचे श्रद्धालु राधे-राधे के जयघोष लगाते रहे.

Advertisements

You missed