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विस्थापित प्रभावित संघर्ष मोर्चा लिखी चिट्ठी कार्य होगा प्रभावित,

बोले-मांग पूरी नहीं हुई तो करेंगे उग्र आंदोलन: किशोर

 

रामगढ़ ब्यूरो: इन्द्रजीत कुमार

विस्थापित प्रभावित संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष सहित सक्रिय कार्यकर्ताओं के मौजूदगी में चिट्ठी लिखी गई। विस्थापित प्रभावित संघर्ष मोर्चा के बैनर तले चिट्ठी की प्रतिलिपि के रूप में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, मुख्यमंत्री हमेंत सोरेन, हजारीबाग सांसद जयंत सिन्हा, बड़कागांव विधायक अंबा प्रसाद, रामगढ़ जिले के उपायुक्त पदाधिकारी चंदन कुमार, आरक्षी अधीक्षक पीयूष पांडेय, अनुमंडल पदाधिकारी, अनुमण्डल पुलिस पदाधिकारी, पतरातू प्रखंड विकास पदाधिकारी, पतरातू, अंचलाधिकारी, पतरातू थाना प्रभारी पतरातू थाना दी गई।

इसी लिखित चिट्ठी के अनुसार कहा गया कि मुख्य कार्यकारी पदाधिकारी (CEO),पतरातू विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड (PVUNL) विज्ञापन अथवा सूचना दिए बिना विस्थापित प्रभावितों को नजर अंदाज कर मनमाने तरीके से PVUNL व UPL में किए गए/किए जा रहे बहाली के खिलाफ व अन्य मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन तथा अन्य चरणबद्ध आंदोलन के संबंध में लिखित चिट्ठी लिखी गई। लिखित चिट्ठी के अनुसार लगभग 6500 एकड़ भूमि का अधिग्रहण कर पूर्व पीटीपीएस का स्थापना किया गया। परंतु लगातार संघर्षरत रहने के बावजूद यहां के विस्थापितों को नौकरी, पुनर्वास नहीं मिला। कुछ लोगों को औने-पौने दर पर मुआवजा दिया गया और बहुत सारे लोगों को आज तक उनके जमीन का उचित मुआवजा का भुगतान नहीं किया गया। इसी बीच 4000 मेगावाट पावर प्लांट के निर्माण के लिए सन 2015-16 में PVUNL का आगमन होने से हम विस्थापित प्रभावितों को वर्षों से लम्बित समस्याओं के समाधान के उम्मीद की नई किरण दिखाई दिया और इसका हम लोगों ने स्वागत भी किया।

लेकिन निराशा तब होने लगा जब BHEL और BHEL की एजेंसियों के द्वारा विरोध करने के बावजूद निरंतर हजारों की संख्या में बाहर से आदमी लाकर काम पर रखा जाने लगा और यह अभी भी जारी है।इस मनमानी पर PVUNL प्रबंधन द्वारा रोक तो नहीं लगाया गया। PVUNL और UPL के द्वारा बिना विस्थापित-प्रभावितों का स्थाई नियोजन हेतु आज तक कोई नियमावली भी नहीं बनाया गया। विगत जुलाई महीने में वार्ता के क्रम में आपके द्वारा अस्वाशन दिये जाने के बावजुद PVUNL प्रबंधन द्वारा विज्ञापन अथवा सूचना दिए बिना PVUNL / UPL के माध्यम से विस्थापित प्रभावितों को नजर अंदाज कर मनमाने तरीके से नियुक्तियां की जा रही है। PVUNL प्रबंधन अपने उक्त उपेक्षात्मक रवैया और विश्वासघात से यहां के विस्थापित प्रभावितों की उम्मीदों पर पानी फेरने का काम किया है। जिससे निराशा और आक्रोश बढ़ रहा है।
ज्ञांपन के माध्यम से हम मांग की गई कि पूर्व PTPS से विस्थापित हुए 868 जमाबंदी रैयत, छाई डैम संख्या 1व 2, प्लांट, आवासीय कालोनी तथा नलकारी डैम से विस्थापित रैयतों के उत्तराधिकारियों/ आश्रितों व प्रभावीतों को PVUNL में स्थाई नौकरी में बहाली हेतू नियमावली बनाते हुए PVUNL/ UPL के द्वारा किए जाने वाले सभी प्रकार के 75% नियुक्तियों को आरक्षित कर उसमें सिर्फ विस्थापित प्रभावितों की बहाली सुनिश्चित किया जाए। नियुक्ति के पूर्व पारदर्शी तरीके से इसकी लिखित सूचना विस्थापित प्रभावित संघर्ष मोर्चा को दिया जाए। PVUNL(पूर्व PTPS) के सभी विस्थापित लैंड लूजर/ प्रभावित परिवार के सदस्यों/ उत्तराधिकारियों/ आश्रितों का वंशावली बनाकर उन्हें पहचान पत्र निर्गत किया जाए।

वर्षों से आबाद अधिग्रहित रैयती और गैर मजरूवा खास भूमि के दखलकार व जोतकार रैयत को भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 के तहत मुआवजा का भुगतान , स्थाई नौकरी व पुनर्वास का व्यवस्था सुनिश्चित किया जाए। ग्राम बलकुदरा, रसदा व जयनगर में छाई डैम संख्या-1 के लिए उचित मुआवजा का भुगतान किए बिना जबरन अधिग्रहित जमीन को अधिग्रहण से मुक्त कर मूल रैयतों को वापस किया जाए। यदि अति आवश्यक है तो उसका सम्यक हल निकालते हुए भूमि अधिग्रहण कानून 2013 के तहत वर्तमान दर पर रैयती एवं गैर मजरूआ खास जमीन का मुआवजा भुगतान कर तथा स्थाई नौकरी एवं पुनर्वास की व्यवस्था करने के पश्चात ही वहां काम किया जाए। भू अर्जन अभिलेखानुसार अधिग्रहित मकान के उत्तराधिकारियों/ आश्रितों को पुनर्वासित करने हेतु कम से कम 50 डिसमिल जमीन के साथ पूर्ण सुविधायुक्त स्थाई पक्का आवास दिया जाए। विस्थापित प्रभावित परिवार के सदस्यों/ उत्तराधिकारीयों/आश्रितों/ को योग्यता अनुसार वोकेशनल ट्रेनिंग/ तकनीकी/ व्यावसायिक प्रशिक्षण देकर उन्हें PVUNL में स्थाई नौकरी में बहाल किया जाए। कटिया हाउसिंग कॉलोनी के निर्माण में हुए समझौते को शीघ्र लागू किया जाए।

निर्माणाधीन पावर प्लांट निर्माण हेतु कार्यरत BHEL वह BHEL की एजेंसियों द्वारा लाए गए बाहर से लोगों को वापस भेजते हुए उनके जगह विस्थापित-प्रभावित ग्रामीण बेरोजगारों को काम पर रखा जाए। PAP लागू कर मिलने वाले सभी व्यवस्था/ सुविधाएं यहां के विस्थापित-प्रभावितों को दिया जाए। पूर्व PTPS के विस्थापित प्रभावितों का वर्गीकरण न कर सभी 25 गांव को विस्थापित गांव और अगल-बगल के गांव को प्रभावित गांव माना जाए। अनावश्यक नियमों को शिथिल/सरल करते हुए PVUNL में होने वाले ठेका-कार्य सिर्फ यहां के इच्छुक विस्थापित-प्रभावित संवेदकों को बिना अग्रधन के आबंटन सुनिश्चित किया जाए।

12. PVUNL द्वारा CSR/CD फंड से सभी 25 विस्थापित गांवों तथा अगल-बगल के प्रभावित गांवों में विकास का काम किया जाए। और ऐसे काम उसी गांव के विस्थापित-प्रभावित बेरोजगार अथवा उनके समूह को आबंटित कर करवाया जाए। सीडी फंड का वार्षिक अनुमानित बजट व्यय राशि क्या निर्धारित था/ है और इसमें कितना राशि शेष पडा हुआ है, इसे सार्वजनिक किया जाए। यदि निर्धारित राशि गांव के विकास में खर्च नहीं पाया तो इसके जिम्मेवार पदाधिकारी पर कार्रवाई सुनिश्चित हो। इस राशि को ग्राम सभा के माध्यम से विकास कार्य में खर्च किया जाए न कि किसी राजनीतिक पार्टी के नेता के अनुशंसा पर, निर्माणाधीन पावर प्लांट में BHEL और BHEL के एजेंसियों में कार्यरत मजदूरों को न्यूनतम मजदूरी का भुगतान समय पर सुनिश्चित किया जाए। मजदूरों से 12 घंटा काम लेना बंद किया जाए। यदि मजदूरों से 12 घंटा काम लिया जाता है तो अतिरिक्त 4 घंटा का डबल ओटी का भुगतान करवाया जाए। विस्थापित प्रभावित ग्रामीण महिलाओं को भी योग्यतानुसार काम पर रखा जाए। हाइ-ग्रे, श्री विजया, कशिश, मूलचंद तथा HSCL (शिवम कंस्ट्रक्शन) आदि काम छोड़कर भागने वाले एजेंसी में कार्यरत मजदूरों का बकाया मजदूरी व PF आदि का शीघ्र भुगतान करवाया जाए।

सभी 25 विस्थापित व प्रभावित गांव सहित 10 किलोमीटर के अंतर्गत आने वाले सभी गांव में मुफ्त बिजली, पानी, चिकित्सा, शिक्षा व आवागमन की व्यवस्था सुनिश्चित किया जाए। PVUNL द्वारा संचालित अस्पताल को सारी सुविधाओं से सुसज्जित कर अपग्रेड किया जाए और सभी विस्थापित-प्रभावित ग्रामीणों को निशुल्क चिकित्सा के साथ फ्री एम्बुलेंस व दवा वितरण का व्यवस्था सुनिश्चित किया जाए। इसके साथ ही सर्पदंष के इलाज के लिए एंटी वेनम इंजेक्शन की व्यवस्था की जाए। व्यवस्था की जाए अति गंभीर बीमारी से ग्रसित ग्रामीण का इलाज बाहर के अच्छे अस्पताल में करवाने की व्यवस्था हो,बारिस के मौसम में आसमानी बिजली के चपेट में आने से आए दिन ग्रामीणों को जान गंवाना पड़ता है। इसलिए सभी 25 से 30 गांव में जगह-जगह तड़ित चालक लगवाया जाय।

अधिग्रहित क्षेत्र में स्थित गांवों के नाम, सरना स्थल एवं अन्य धार्मिक स्थलों की भूमि को सुरक्षित करते हुए उनके विकास व सुंदरीकरण का काम करवाया जाए। मांगों पर शीघ्र सकारात्मक पहल करते हुए आगामी तिथि 28/09/2023 तक वार्ता बुलाकर विस्थापित-प्रभावितों की समस्याओं का समाधान किया जाए। अन्यथा आगामी 29/09/2023 से PVUNL लेबर गेट के समक्ष विस्थापित-प्रभावित संघर्ष मोर्चा द्वारा विशाल धरना प्रदर्शन किया जाएगा साथ ही धरना स्थल से ही घोषित कर अन्य चरणबद्ध आंदोलन किया जाएगा। जिसकी संपूर्ण जिम्मेवारी PVUNL प्रबंधन की होगी। ज्ञांपन सौंपने वालों में मुख्य रूप से अध्यक्ष आदित्य नारायण प्रसाद कुमेल उरांव किशोर कुमार महतो राजाराम प्रसाद विजय मुंडा प्रदीप महतो प्रियानाथ मुखर्जी मन्नू मुंडा कालेश्वर महतो रिंकू देवी सुरेश साव छोटू करमाली अजय मुंडा राजेश महतो सुबोध कुमार नरेश महतो बालकिशुन महतो अनीता देवी बसंती देवी बलवंती देवी इत्यादि सैकड़ों कार्यकर्ता उपस्थित थे। उक्त बातें की जानकारी किशोर कुमार महतो के द्वारा दी गई।

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