डीएलएसए द्वारा चलाया जा रहा है 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों की पहचान कर उन्हें बाल सुधार गृह पहुंचने का अभियान…
सरायकेला संजय मिश्रा: नालसा नई दिल्ली एवं झालसा रांची के निर्देश पर जेल में बंद 18 साल से कम आयु के बच्चों की पहचान कर उन्हें बाल सुधार गृह पहुँचाने के संबंध में एक अभियान चलाया जा रहा है। इसके अंतर्गत जिला विधिक सेवा प्राधिकार सरायकेला-खरसावां के अध्यक्ष सह प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश विजय कुमार के निर्देशानुसार सचिव श्रीमती अनामिका किस्कु, लीगल एड डिफेंस कौंसिल के चीफ राधेश्याम साह, डेपुटी सुनीत कर्मकार, अस्सिस्टेंट नील भार्गव आदि द्वारा मंडल कारा सरायकेला में 27 जनवरी से लगातार कार्यक्रम किया जा रहा है। जेलों में वयस्क कैदी रहते हैं जिनके संपर्क में आने पर नाबालिग पर मानसिक रूप से प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है, इसी कारण यह अभियान चलाया जा रहा है, ताकि नाबालिग बच्चों की कारा में पहचान कर उन्हें बच्चों के सुधारगृह में भेजा जा सके।
रविवार को भी इस अभियान के तहत सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकार इस सम्बंध में कारा के बन्दियों के बीच नाबालिग की पहचान हेतु चीफ ladcs राधेश्याम साह, सहायक अनुराग कबि के साथ कारा पहुँचे और restoring the youth pan india awareness programme on identification of June miles in jails स्कीम के तहत वैसे बच्चे जो 18 से 21वर्ष की आयु के बीच है उन्हें चयनित कर उचित न्ययालय में उनके खिलाफ चल रहे मुकदमे की जानकारी ली। बताया गया कि इस स्कीम के तहत उन मामलों पर ध्यान दिया जायेगा, जिनमें बच्चे घटना के समय 18 वर्ष और उससे कम उम्र के थे। यह अभियान 27 फरवरी तक जारी रहेगा।