Spread the love
16 फरवरी से 23 फरवरी तक चलने वाले राजकीय जनजातीय हिजला मेला महोत्सव-2024 का किया गया विधिवत शुभारंभ, महोत्सव की शुरुआत से पूर्व की गई हिजला मेला परिसर स्थित मांझी थान में विधिवत पूजा अर्चना…

आठ दिवसीय हिजला महोत्सव का आज से विधिवत् शुरुआत । मेले के उद्घाटन सत्र में रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए गए। मेला का मुख्य आकर्षक छऊ नृत्य और नटवा नृत्य रहा….

 

दुमका ब्यूरो/मौसम गुप्ता

Advertisements

मयूराक्षी नदी के तट पर 16 फरवरी से 23 फरवरी तक आयोजित होने वाले राजकीय जनजातीय हिजला मेला महोत्सव-2024 का आज शुक्रवार को विधिवत शुभारंभ किया गया। इस दौरान उपायुक्त,पुलिस अधीक्षक,जिला परिषद अध्यक्ष, अनुमंडल पदाधिकारी,हिजला के ग्राम प्रधान सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।महोत्सव की शुरुआत से पूर्व हिजला मेला परिसर स्थित मांझी थान में विधिवत पूजा अर्चना की गई। मेले के उद्घाटन सत्र में रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए गए।इसके साथ ही छऊ नृत्य और नटवा नृत्य भी पेश किए गए।

उल्लेखनीय है कि 1890 में ब्रिटिश डिप्टी कमिश्नर आर कास्टेयर्स ने हिजला मेला की शुरुआत की थी। तब संताल परगना एक जिला हुआ करता था और दुमका उसका मुख्यालय था।दरअसल 1855 में हुए संताल हूल के बाद कास्टेयर्स ने संतालों से अपनी दूरी मिटाने तथा उनका विश्वास हासिल करने के मकसद से इस जनजातीय मेले की शुरुआत की थी।
दुमका शहर से चार किमी की दूरी पर मयुराक्षी नदी के तट व हिजला पहाड़ी के पास 134 साल पहले से सप्ताह व्यापी मेला लगता आया है।

क्षेत्र का यह सबसे बड़ा मेला है।मेला अब महोत्सव का रूप भी ले चुका है। यह मेला जनजातीय समाज के सांस्कृतिक संकुल की तरह है। जिसमें सिंगा-सकवा,मांदर व मदानभेरी जैसे परंपरागत वाद्ययंत्र की गूंज तो सुनने को मिलती ही है।

झारखंडी लोक संस्कृति के अलावा अन्य प्रांतों के कलाकार भी अपनी कलाओं का प्रदर्शन करने पहुंचे हैं। बदलते समय के साथ इस मेले को भव्यता प्रदान करने की कोशिशें लगातार होती रही हैं।मेला क्षेत्र में कई आधारभूत संरचनायें विकसित हो गयी हैं,जो मेले के उत्साह को दाेगुणा करने में सहायक साबित हो रहा है।

उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए उपायुक्त आंजनेयुलु दोड्डे ने कहा कि संथाल परगना प्रमंडल में आयोजित होने वाले इस हिजला मेला का इंतजार लोग पूरे वर्ष करते हैं। जिसे देखते हुए जिला प्रशासन द्वारा यह प्रयास किया गया है कि यह कैसे बेहतर दिखे। इस बड़े आयोजन से लोगों को अधिक से अधिक फायदा मिले,इसकी अच्छी तैयारी की गई है। इस मेले में सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं।आप मेला का भरपूर आनंद लें।उन्होंने आम जनता से अपील करते हुए कहा कि यह मेला आपके लिए ही है।शांति व्यवस्था कायम रखते हुए आप हमें सहयोग करें ताकि गौरवशाली इतिहास समेटे हुए यह मेला अपनी गरिमा के अनुरूप चल सके।

Advertisements

You missed