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घाटशिला : भाजपाईयों ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का पुतला फूंक…

• तृणमूल कांग्रेस की सरकार घुसपैठियों को संरक्षण और अपने ही राज्य में बंगाली समुदाय को सरनार्थी बना रहा है :: राहुल पाण्डेय

• राज्य के सरकार जब फेल हो तो, देश आजादी की लड़ाई के पहले जिस तरह से बंगाली समुदाय रण चण्डी का रूप धारण किया था, वहीं रुप फिर से धारण करना होगा :: लखन मार्डि 

दीपक नाग… ✍️

घाटशिला : वफ संशोधन बिल के विरोध में मुर्शिदाबाद, पश्चिम बंगाल में हो रहें वहां के मुस्लिम समुदाय के द्वारा हिन्दू बंगालियों पर हो रहा अमानवीय अत्याचार के विरोध मे घाटशिला के भाजपाईयों ने त्रिणमूल सरकार की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का घाटशिला स्टेशन चौक में पुतला फूंक।

मुर्शिदाबाद का मार्मिक दृश्य सभ्य समाज के लिए एक चुनौती खड़ा करने के समान परिस्थितियां बना रही है । विशेष कर पश्चिम बंगाल के बंगालियों को सोचने के लिए आज मजबूर कर दिया है कहीं आने वाले दिनों मे अपने ही राज्य से पलायन करना न पड़े ।‌ यह बातें शनिवार शाम ममता बनर्जी की पुतला दहन के बाद वानांचल को भाजपा के जिला मंत्री राहुल कुमार पाण्डेय ने कहा । उन्होंने कहा कि, पश्चिम बंगाल का विनाश वामपंथी सरकार के शासन काल से आरंभ हो चुका था । अपने वोट बैंक बड़ाने के लिए बंगलादेश घुसपैठियों को संरक्षण और शरण देता रहा । ममता की तृणमूल सरकार जब आया तो दो कदम और आगे बड़ कर राष्ट्रीय विरोध मे काम किया । बंग्लादेशी घुसपैठियों के साथ-साथ रोहिंग्या को भी गले से लगाया। इस जघन्य अपराधी घटनाओं को सुन कर आज पुरा देश के सनातनी के शरीर मे खून उबलने लगा हैं । उन्होंने ने कहा, वफ बिल का नाम सुनते ही ममता बनर्जी की जुबां गैर जिम्मेदारी वाली शब्दों को उगल ने लगी थी । जिस कारण मुर्शिदाबाद के मुस्लिम समुदाय के लोगों को साहस मिला और दंगा करना आरंभ कर दिया ।

भाजपा के पूर्व अनुसूचित जन-जाती प्रदेश उपाध्यक्ष लखन मार्डि ने कहा, पश्चिम बंगाल की पुलिस को तृणमूल कांग्रेस सरका बेबस कर रखा है । यूं कह सकते हैं कि, कर्तव्य करने से रोक रखी है ममता बनर्जी । उन्होंने ने कहा, ऐसी स्थिति में जब सरकारी रक्षा तंत्र फेल हो जाता है तो कानून भी हमे आत्म रक्षा करने की इजाजत देती है । लखन मार्डि ने कहा, देश की आजादी की लड़ाई मे जिस तरह बंगाली समुदाय आक्रामक रूद्र रूप धारण किया था तो आज अत्याचार को सहन कैसे कर रहें हैं।

बहरहाल, पश्चिम बंगाल की हाल बे-हाल होता जा रहा है । केंद्र सरकार अगर तत्काल कोई कठोर व्यवस्था नहीं करें तो, आने वाले समय मे वहां रहने वाले बंगालियों की स्थिति कश्मीरी पंडितों जैसी नहीं होगी इसकी कोई गारंटी नहीं है !

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