पिछड़ा वर्ग संघर्ष मोर्चा के विचार गोष्ठी सह वनभोज में जुटे सैकड़ों समर्थक, अपने हक और अधिकार के लिए भरी हुंकार, कहा जो पिछड़ों की बात करेगा वही झारखंड में राज करेगा…
दुमका: मौसम कुमार (ब्यूरो)। जामा प्रखंड के हाई स्कूल के समीप मैदान में शनिवार को पिछड़ा वर्ग संघर्ष मोर्चा संताल परगना के बैनर तले प्रखंड अध्यक्ष गौतम कुमार दर्वे की अध्यक्षता में विचार गोष्ठी सह वन भोज कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
बैठक को संबोधित करते हुए मोर्चा के केन्द्रीय अध्यक्ष असीम मंडल ने कहा कि संगठन को ग्राम पंचायत स्तर पर विस्तार करने की आवश्यकता है जब तक गांव में लोग जागरूक नही होगे आंदोलन मजबूत नही होगा। आज हमलोगों को संकल्प लेने की आवश्यकता है कि यह संगठन को पंचायत स्तर तक ले जाना है तभी हमलोगों का मोर्चा मजबूत होगा। इसके लिए युवाओं को आगे आना होगा। सभी अपने गांव घर में लोगों यह बतावें कि पिछड़े वर्ग का हक एवं अधिकार छीना जा रहा है।
मोर्चा के केन्द्रीय प्रधान महासचिव डॉ अमरेंद्र कुमार यादव ने कहा कि ओबीसी समाज के लोगो का झारखंड अलग होने के बाद हक एवं अधिकार को छीन लिया गया है।सोची समझी साजिश के तहत 27 प्रतिशत आरक्षण घटाकर राज्य में14 प्रतिशत पर ला दिया है और दुमका जिला को शून्य कर दिया है। अब समय आ गया है हमलोगों को एक होकर अपने हक एवं अधिकार के जागरूक होना पड़ेगा तभी हमें आरक्षण का अधिकार मिलेगा। उन्होंने तमाम पिछड़ा समाज के लोगों को एक मंच पर आने का अपील करते हुए कहा कि अधिकार लेने के लिए सभी को एकजुट होने की आवश्यकता है।
बैठक को संबोधित करते बुद्धिजीवी मंच के अध्यक्ष शिवनारायण दर्वे ने कहा कि दुमका जिले में हमारा आरक्षण शून्य कर दिया है जो असंवेधानिक है। इसके लिए मिलकर विरोध करना होगा तभी अधिकार प्राप्त किया जा सकेगा। वोट के समय कई पार्टी के नेता के तरफ से लोभ लालच देंगे लेकिन उस लालच में नही पड़ना है। नोकरी में आरक्षण देने की बात करने वाले को पिछड़ा का समर्थन मिलेगा। मौके पर उपाध्यक्ष इन्द्रकांत यादव, महासचिव रंजीत जायसवाल, कोषाध्यक्ष अजीत कुमार मांझी, समाजसेवी सुरेंद्र यादव, घनश्याम लायक, जयकांत कुमार, पंचायत समिति सदस्य प्रमोद पंडित, विजय कापरी, पवित्र मंडल, जरमुंडी प्रखंड अध्यक्ष प्रमुख मरीक, आनंदी राउत, आरके दर्वे, रामगढ़ के राजेश रंजन यादव, सुबोध यादव, बुलेश यादव, चंद्रकांत मंडल, राजू प्रसाद दर्वे, रामसुंदर पंडित, बिनोद यादव, महेन्द्र यादव, राजेश खिरहर, प्रदीप कुमार दर्वे, संतोष मंडल, अनिल पंडित, राजकिशोर खिरहर, नरेश महतो, कौशल कुमार मंडल आदि ने अपने विचार रखें। मंच संचालन धनंजय यादव ने किया।
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