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जमशेदपुर : झारखंड की पहली बेटी आध्या सिंह ने पहली प्रयास में ही NDA परिक्षा में सफल हुई…

दीपक नाग… ✍️

एक अच्छे परिवेश का नौजवान युवक हो या युवती हमेशा अपने सफलता को दुसरो से कुछ अलग करके अपना पहचान बनाने का जज्बा रखता और रखती है । ऐसे ही अलग से कुछ जज्बा रखने वाली आध्या सिंह आदित्यपुर (जमशेदपुर) की एक बेटी ने पुरे राज्य के लिए “ब्रेकिंग बैरियर” का मिशाल कायम किया । आध्या सिंह ने अपनी पहली ही प्रयास में नेशनल डिफेंस अकादमी की परिक्षा पार कर देश के सेना जगत में अधिकारी बनने का अधिकार जमा लिया ।

नेशनल डिफेंस फेंस एकेडमी (एनडीए) में चयनित आद्या सिंह अपने चयन के बाद आस पास के लोगों ने भव्य अभिनंदन किया ।

बता दूं कि, पहले महिलाएं NDA की परिक्षा में बैठने के लिए अधिकृत नहीं थी । नरेंद्र मोदी के शासनकाल में महिलाओं को भी इस परिक्षा में बैठने और बागडोर संभालने के लिए संलिप्त किया गया । इसके बाद देश के विभिन्न प्रान्तों से बेटीयां एन. डी. ए. परिक्षा पास कर भारतीय सेना में अफ़सर के रूप में ज्वाइन करती रही। पहली बार झारखंड राज्य से एक बेटी ने राज्य को सम्मान दिलाईं।

मम्मी की पढ़ाई और मामा की प्रेरणा ने एनडीए तक पहुंचाया

जिन्होंने हमेशा उन्हें डिफेंस एकेडमी में शामिल होने और देश की रक्षा करने के लिए प्रेरित किया । आध्या ने यह भी कहा कि उनकी मां ने भी घर पर ही उन्हें पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित कराती रही। जिसका नतीजा है कि आज वह सफल हुई हैं । गौरतलब है कि आध्या सिंह बैडमिंटन की राष्ट्रीय खिलाड़ी भी रह चुकी हैं और कई राष्ट्रीय पुरस्कार जीत चुकी हैं ।

लड़कियों को डिफेंस सेक्टर में जरूर जुड़ना चाहिए

एनडीए की सफल प्रतिभागी आध्या सिंह ने कहा है कि लड़कियों को देश सेवा की भावना के साथ एनडीए में जरूर शामिल होना चाहिए। उन्होंने बताया कि शिक्षकों, माता-पिता के आशीर्वाद और अनुशासन के साथ पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित कर आगे बढ़ना चाहिए । सफलता जरूर मिलेगी ।

आध्या को बधाईयां और आशीर्वाद देने के लिए मुख्य रुप से, मातृशक्ति पूनम संयोजक मातृशक्ति झारखंड मंजुला, अध्यक्ष झारखंड मातृशक्ति  रूबी सिंह, अध्यक्ष मातृशक्ति विनीता सिंह, महामंत्री भावना अंजू “राष्ट्र चेतना” प्रकाश मेहता, सुरेंद्र कुमार सिंह, डीएन सिंह, वरुण कुमार उपस्थित थें ।

गौरतलब है कि, NDA की परिक्षा अत्यंत कठीन होती है और बहुत ही कम आयु सीमा पर आधारित होती है ‌। इसमें चयन होने वाले कोई साधारण सिपाही नहीं बल्कि सीधा कमिसंड अफसर बनता है । 

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