- जमशेदपुर : बागबेड़ा में पेय जल संकट को लेकर हंगामा-प्रदर्शन, प्रशासन से टैंकरों की मांग…
दीप सागर… ✍️
“जल ही जीवन है ।”
कहावत है, जब लोकतांत्रिक शासन प्रणाली में जन प्रतिनिधि और जिम्मेदार सरकारी अफसरान, गैर जिम्मेदार होने लगते हैं तो वैसी स्थिति में लोकतंत्र के आधार शीला यानी जन शैलाब को सड़कों पर उतरना पड़ता है। और ऐसी बातें जिम्मेदार तंत्रों के लिए अच्छी समाचार न ही होती है ।
हां, पेय जल की समस्या को लेकर ऐसी घटना पहली बार बागबेड़ा में नहीं हुई है । जिम्मेदार तंत्रों के लिए पुरानी अनुभव है । आज जब बागबेड़ा के आम नर और नारीयों को पेयजल के लिए त्राहिमाम का सामना करना पड़ा तो, यह जन शैलाब विरोध – प्रदर्शन का रूख अख्तियार कर लिया ।
बागबेड़ा महानगर विकास समिति के अध्यक्ष सुबोध झा के नेतृत्व में बागबेड़ा ग्रामीण जलापूर्ति योजना को लागू करने की मांग को लेकर क्षेत्र में धरना प्रदर्शन पर उतरें । क्षेत्र में जल स्तर 600 फीट से नीचे गिरने के कारण लगभग 2 लाख लोग पानी के लिए तरस रहे हैं।
प्रदर्शनकारियों ने जिला प्रशासन से तत्काल 30 टैंकरों के जरिए पानी की आपूर्ति की मांग की है। इन टैंकरों के माध्यम से बागबेड़ा, किताडीह, घाघीडीह, हरहरगुड्डू, गांधीनगर, रामनगर, पश्तो नगर, बागबेड़ा हाउसिंग कॉलोनी सहित 21 पंचायतों के 113 गांवों और रेलवे क्षेत्र की 33 बस्तियों में पानी पहुंचाया जाने की मांग किया।
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि सभी सरकारी बोरिंग सूख चुके हैं और डीप बोरिंग से भी पानी मिलना बंद हो गया है। अगर प्रशासन इस मामले में कार्रवाई नहीं करता है तो लोग और भी बड़े आंदोलन की चेतावनी दे रहे हैं।
गौरतलब है कि, अभी गृष्म ऋतु ने सिर्फ आगाज ही दी है तो, पेय और व्यवहार करने वाले जल के लिए त्राहिमाम हो रहा है तो आने वाले दिनों में परिस्थितियां और कितना भयावह होगा यह आसानी से अनुमान लगाया जा सकता है।