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कुचाई में जैविक खेती पर लोगों को किया जागरूक; कहा….

 

जैविक खेती से वायुमंडल और वातावरण पर नहीं पड़ेगा बुरा असर…

 

सरायकेला: शीतल वाटिका किसान सहायता फाउंडेशन के तहत कुचाई प्रखंड के आम बागान परिसर में गुरुवार को जैविक खेती पर एक बैठक आयोजित किया गया। बैठक में कुचाई प्रखंड के विभिन्न पंचायत से आए किसानों को जैविक खेती पर विशेष जानकारी दी गई। बैठक में उपस्थित समाजसेवी मुन्ना सोय ने कहा कि देश को जैविक खेती की राह से मिसाल बनाना प्रधानमंत्री मोदी जी का सपना है।

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इसके इस्तेमाल से मिट्टी की उर्वरा शक्ति में बढ़ोतरी होती है। जिससे किसानों को अधिक पैदावार मिलती है। वहीं इससे पर्यावरण और मानव स्वास्थ्य पर असर नहीं पड़ता है। रासायनिक खाद के मुकाबले यह हो सस्ता है। ऐसे में कृषि लागत में कमी आ जाती है। जिससे किसानों की आमदनी में इजाफा हो सकता है। उन्होंने कहा कि जैविक खेती से किसान के साथ-साथ लोगों की स्वास्थ्य भी अच्छा रहता है। एवं क्षेत्र का वातावरण भी साफ रहता है।

मांग और समय की जरूरत को देखते हुए जैविक खेती किसानों के लिए आमदनी का एक बेहतर जरिया बनता जा रहा है। साथ ही जैविक खेती के लिए जरूरी वर्मी कंपोस्ट खाद से भी किसान अपना दोगुनी कमाई कर सकते हैं। किसान रासायनिक खाद और जहरीले कीटनाशक से तौबा कर जैविक खेती को अपना खेतों में हरा सोना पैदा कर सकते हैं। जैविक खेती रसायनिक मुक्त खेती है। किसान जैविक खेती से देश में एक अलग पहचान बना सकते हैं। बैठक में मुख्य रूप से समाजसेवी मुन्ना सोय, शीतल वाटिका के प्रखंड कोऑर्डिनेटर अहलाद महतो, सुखलाल गोप, फागूराम महतो, श्याम करवा, मनोज उरांव आदि उपस्थित रहे।

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