Spread the love

लेस्फोर पी टोप्पो विचार प्ररेणा दायक रहेंगे संतोष…

रामगढ़: इन्द्रजीत कुमार

संतोष महतो ने प्रेस बयान जारी की गई। संतोष महतो ने कहा कि पूरे भारत देशभर के लिए आर्चबिशप कार्डिनल तेलेस्फोर पी टोप्पो का हार्ट अटैक आकस्मिक निधन होना निश्चित रूप से अपूरणीय क्षति हैं। इनके विचार हमेशा ही प्ररेणा दायक रहेंगे। एक नेक इंसान तथा समाज को जागरूक करने वाले व्यक्ति थे। आदिवासी समाज से देश के पहले आदिवासी आर्चबिशप कार्डिनल तक का सफ़र करने वाले पहले ओर एक इकलौते व्यक्ति थे, आर्चबिशप कार्डिनल तेलेस्फोर पी टोप्पो। विगत 4 अक्तूबर 2023 को दोपहर हार्ट अटैक से उनकी मौत हो गई। परमवीर अल्वर्ट एक्का के जन्मस्थान झारखण्ड प्रदेश के गुमला ज़िले में जन्मे कार्डिनल का व्यक्तित्व काफ़ी करिश्माई था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक उनके मुरीद थे।

कार्डिनल का जीवन सादगी औंर सरलता की मिसाल रही हैं। आदिवासियों की कलीसिया को उन्होंने वैश्विक पहचान दिलायी हैं। उनका आध्यात्मिक जीवन असाधारण रूप से सरल औंर उल्लेखनीय था वे प्रार्थना और गहरी आस्था वाले व्यक्ति थे। मसीह औंर सार्वभौमिक चर्च के साथ एकता में उनका विश्वास अटल था।उनकी ऊर्जा का स्रोत, रहस्य पूरी तरह से पवित्र संस्कारों औंर प्रार्थनाओं में निहित था। झारखण्ड प्रदेश सहित देश के महाधर्मप्रांत अपने पुरोहितों,धर्मसमाजी और मसीही विश्वासी शोक संतप्त हुए हैं। शोक व्यक्त करते हुए संतोष महतो ने कहा कि कार्डिनल सरना धर्म कोड के समर्थक थे। यदि आदिवासी सरना धर्म कोड कि माँग कर रहे हैं।

यह उन्हें मिलना ही चाहिए। उन्होंने कहा था कि आदिवासियत धर्म पर आधारित नहीं हैं। आदिवासीयों जन्म से होते हैं। उनको कोई नहीं बदल सकता है। यदि किसी राज्य की सरकार उन्हें अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा नहीं देती हैं। वह दूसरी बात हैं। लेकिन आदिवासियों की पहचान औंर संस्कृति सुरक्षित होनी चाहिए। उनका जीवन समस्त ना सिर्फ़ ईसाई समाज बल्कि समस्त धर्मावलम्बियों के लिए अनुसरण करने योग्य हैं। अनवरत सर्वांगीण विकास करने की प्रेरणा देता हैं।

Advertisements

You missed