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मिचौंग का असर लगातार दूसरे दिन भी रहा प्रभावी; लगातार रिमझिम बारिश के किसानों के खेतों में पड़े फसल हुए तबाह…

दर्द: बीज बेचने वालों ने बीज बेच दी; खाद बेचने वालों ने खाद बेच दी और कीटनाशक दवा बेचने वालों ने कीटनाशक दवा बेच दी; पर अब फसल ही नहीं बची तो किसान खाएंगे क्या और बेचेंगे क्या…..

सरायकेला संजय मिश्रा ।

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चक्रवाती तूफान मिचौंग के कारण सरायकेला सहित जिलेभर में लगातार दूसरे दिन बिना विराम लगातार रिमझिम बारिश का दौर जारी रहा। जिससे आम जनजीवन पूरी तरह से अस्त व्यस्त बना रहा। बारिश के कारण हुए जल जमाव और बढ़ी ठंड के कारण शहर सहित ग्रामीण क्षेत्र में भी लोग आवश्यक कार्य से ही बाहर निकलते हुए देखे गए। इस दौरान गुरुवार को सरायकेला क्षेत्र का अधिकतम तापमान 22 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 17 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। कई स्थानों पर लोग दिन में ही अलाव का सहारा लेकर ठंड से राहत पाए हुए देखे गए। इधर रिमझिम बारिश के दौर के बीच ही बीते तीन दिनों में जिले में औसत वर्षा 56.4 मिमी आंकी गई। रिमझिम बारिश के दौर के बीच सड़कों पर जहां सन्नाटा पसरा रहा। वही ग्राहकों के नहीं पहुंचने से बाजार का कारोबार भी ठप सा रहा।

अधिकांश किसान हुए तबाह:-

लगातार हुई बारिश से खेतों में जल जमाव की स्थिति के कारण खेतों में खड़े धान की फसल या खेतों में काट कर रखे गए धान की फसल पूरी तरह से बर्बाद हो चली है। पूरी तरह से तबाह हो चुके फसलों को देखकर मायूस किसान कयास लगाने लगे हैं कि बीज बेचने वाले ने बीच बेच दिया, खाद बेचने वाले ने खाद बेच दिया और कीटनाशक दवा बनाने वाले ने कीटनाशक दवा बेच दिया। अब जब फसल ही नहीं बची तो किसान क्या कहेंगे और क्या बेचेंगे? हुदू ग्राम पंचायत की मुखिया श्रीमती सुगी मुर्मू बताती है कि उनके पंचायत अंतर्गत गरीब दुखियारी विधवा शरीफा माझीयान, कोरो किस्कु, नारान मुर्मू, पुटकीवाला सरदार, फागु मुर्मू, शंकर किस्कू, दिकू हेंब्रम, चिकन किस्कू, शीतल किस्कू, निर्मल किस्कू, प्रसन्न मुर्मू, रुईदास हांसदा, गुरुपद किस्कू, राहुल किस्कू, दिलीप किस्कू, सोहन किस्कू, अजीत सरदार एवं कार्तिक सरदार सहित अन्य के भी खेतों में रखें फसल पूरी तरह से तबाह हो चुके हैं।

मुआवजा दे राज्य सरकार: गणेश महाली।

बे मौसम बारिश से किसानों के धान की फसल को हुए नुकसान को लेकर सरायकेला विधानसभा के पूर्व भाजपा प्रत्याशी गणेश महाली ने प्रभावित किसानों को मुआवजा राशि देने की मांग की है। उन्होंने कहा है कि बे मौसम बारिश से किसानों के धान का फसल पूरी तरह से बर्बाद हो चुका है। इसलिए उन्होंने मांग की है कि राज्य की हेमंत सरकार को अविलंब प्रभावित किसानों को मुआवजा राशि दे और साथ ही झारखंड राज्य फसल राहत योजना पोर्टल को फिर से किसानों के लिए खोल दे ताकि जो किसान अभी तक रजिस्ट्रेशन नहीं कर पाए हैं वह अपना रजिस्ट्रेशन कर सकें।

शुक्रवार को मिल सकता है राहत:- मौसम विज्ञान विभाग के तकनीकी पदाधिकारी विनोद कुमार ने बताया है कि मिचौंग के कारण ही जिले में लगातार बारिश हो रही है। जिससे धन की फसल को काफी नुकसान पहुंचा है। शुक्रवार से बारिश बंद होने की संभावना है। लेकिन आसमान में बादल छाए रहेंगे।

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