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मुंबई की टीम ने चाकुलिया में शुरू किया सर्वे, हाथियों के लिए बनेगा नया कॉरिडोर, कॉरिडोर में हाथियों के लिए भोजन व पानी की होगी व्यवस्था

(विश्वकर्मा सिंह) चाकुलिया वन क्षेत्र समेत पूरे घाटशिला अनुमंडल में हाथियों की समस्या के समाधान को लेकर वन विभाग की ओर से एक महत्वपूर्ण पहल शुरू कर दी गई है. हाथी मानव द्वंद को रोकने के लिए वन विभाग द्वारा वन्य जीव विशेषज्ञों की एक टीम को नियुक्त किया गया है. इसके तहत मुंबई से दो वन्य जीव विशेषज्ञ इस्तेहाक पटेल एवं तरूण नई शुक्रवार को चाकुलिया पहुंचे. उन्होंने चाकुलिया, मुसाबनी एवं घाटशिला वन क्षेत्र में घूम कर एलिफेंट कारिडोर का सर्वे किया. इस दौरान उनके साथ चाकुलिया रेंजर दिग्विजय सिंह एवं घाटशिला रेंजर विमद कुमार भी मौजूद रहे. विशेषज्ञों की टीम सबसे पहले चाकुलिया के नयाग्राम पहुंची तथा हाथियों के आवागमन वाले मार्ग का निरीक्षण किया. यहां से वन विभाग के लोगों के साथ वे गुड़ाबांदा होते हुए ओडिशा की सीमा तक गए. यह वही मार्ग है जिससे होकर हाथी आवागमन करते हैं. इसे ही एलिफेंट कारिडोर भी कहा जाता है. इसी तरह उन्होंने मुसाबनी एवं घाटशिला वन क्षेत्र में भी हाथियों की चहलकदमी वाले क्षेत्र का अवलोकन किया. वन विभाग के लोगों के साथ उन्होंने नक्शे के माध्यम से एलिफेंट कारिडोर को समझा.

क्यों आई थी विशेषज्ञों की टीमः
चाकुलिया समेत पूरे घाटशिला अनुमंडल के लोग विगत कई वर्षों से हाथियों की समस्या झेल रहे हैं. दर्जनों लोग हाथियों की चपेट में आकर बेमौत मारे जा चुके हैं. आए दिन कहीं ना कहीं हाथी जान माल की क्षति पहुंचा रहे हैं. दूसरी तरफ पिछले वर्ष करंट लगने से सात हाथियों की मौत भी हो गई थी. मानव हाथी द्वंद्व की बढ़ती समस्या को देखते हुए वन विभाग की अनुषांगिक इकाई कैम्पा (क्षतिपूरक वनरोपण कोष प्रबंधन एवं योजना प्राधिकार) ने मुंबई की एक कंपनी के माध्यम से दो वन्य जीव विशेषज्ञों को इसका हल ढूंढने का जिम्मा सौंपा है.

कॉरिडोर में हाथियों के भोजन व पानी की व्यवस्था होगी

पश्चिम बंगाल, ओडिशा और दलमा के हाथियों के लगातार विचरण से हाल में नया कॉरिडोर विकसित हुआ है. सर्वे टीम हाथियों के कॉरिडोर को चिह्नित करेगी. हाथियों के आवागमन के मार्ग पर उनका पसंदीदा भोजन और पानी की व्यवस्था की जायेगी ताकि हाथी जंगल से भटक कर गांव में प्रवेश न कर सकें.

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