रांची के नामकुम में जमीन माफियाओं का बोलबाला,
प्रशासन बना मूकदर्शक , 70 वर्षीय विधवा आदिवासी
की जमीन को जमीन दलाल बेच डाला, उर्लिसा
न्याय की आस में तलाश रहे हैं देवदूत…..
(नामकुम में 70 वर्षीय विधवा आदिवासी की जमीन को जमीन दलाल बेच डाला और जमीन पर चरहदिवारी की कार्य जारों पर नही सुन रही है स्थानीय प्रशासन )
रांची ब्यूरो :- सरकार की हर दावे और सुव्यवस्था पर सावल खड़ा हो रहा है। भुमाफिओं का आंतक ने न्याय व्यवस्था पर भी हावी दिख रहा है । न्याय व्यवस्था पर उम्मीद लगायें बैठे उर्लिसा होरो को आज भी अपने जमीन पर अधिकार नही मिल सका है वर्तमान के काननू व्यवस्था के हाथों मजबूर हैं उर्लिसा । वही गुरूवार को राज्य के सभी पुलिस के वरीय पदाधिकारी के साथ समीक्ष वैठक में मुख्यमंत्री ने पीड़िता को न्याय दिलने की बात कही पर दबंगों की दबंगई देखती रही नामकुम पुसिल पीटता रहा दलालों के हाथ ग्रामीण महिला जो उर्लिसा होरो की जमीन पर हक दिलाने पहुंची थी ।
रांची जहां कानून और कानून बनने वाले बैठते है पर न्याय दंबगों को ही मिलता है यह सच और अति सच है । मामला नामकुम बाजार के पास स्व0 मारसाल मुण्डा, पिता स्व0 मनसीद मुण्डा को बरगांवां पचायत रॉची का खाता नं 87, प्लाट सं0 529, रकवा 1.09 है । उक्त जमीन पर 5 दसक से बताया जा रहा है कि विजय कच्छप नामक व्यक्ति के घर में स्व जोहन होरो और पत्नी उर्सिला होरों काम करती थी । तत्कालिन बिहार सरकार ने के अधीन मारसल मुण्डा को उक्त खाता नं की बन्दोवस्ती कर दी थी ।
पंचायत समिति सदस्य सुषमा हेम्ब्रम
इस बात की पुष्टी गांव के लोग और पंचायत समिति सदस्य सुषमा हेम्ब्रम ने बतायी । वही सुषमा हेम्ब्रम ने वतायी की उर्सिला होरो की पति को देहांत के बाद स्थानीय जमीन दलाल ने उंचे दामों पर बेच दिया है । इस मामले में प्रसशन और अंचल कार्यालय भी शामिल है । 70 वर्षीय उर्सिला होरो महिला वर्तमान में रहने को घर नही है कभी भी गिर सकता है । उक्त जमीन को लेकर पति जोहन होरो और उर्सिला होरो न्याय के लिए न्यायलय का चक्कर काटती रही अतं में जोहन होरों की मृत्यु के बाद जमीन दलाल ने जमीन को कब्जे में लेकर घेरा बन्दी कर रही है । विरोध प्रदर्शन के बाद भी प्रसाशन दलालों को सहयोग कर रहा है ।
ऐसे में हेमंत सरकार के वादे और निर्देशों का पालन उनके अधिकारी करने से इंकार कर रहे है । ऐसे में सुव्यवस्थित झारखण्ड की कामना कैसे कर सकते है ?