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पाकुड़ (सुमित भगत) : वर्षों से लंबित तीन सूत्री मांगों के समर्थन को लेकर शहर के न्यायालय परिसर के समीप शुक्रवार को झारखंड विधि लिपिक महासंघ इकाई पाकुड़ के तत्वाधान में एक दिवसीय धरना प्रदर्शन का आयोजन किया गया। इसकी अध्यक्षता महासंघ के अध्यक्ष राजेश कुमार यादव ने किया। महासंघ के अध्यक्ष राजेश कुमार यादव ने कहा झारखंड एडभोकेट कर्ल्क वेलेफयर फंड एक्ट 2018 के समिति गठन के लिए अधिकृत गैर जिम्मेवार पदाधिकारियों को विमुक्त कर जिम्मेवार पदाधिकारी को मनोनयन कर समिति का गठन अविलंब किया जाए।

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झारखंड राज्य निर्माण एवं स्थापना के बाद से ही झारखंड विधि लिपिक (अधिवक्ता लिपिक) महासंघ का स्थापना किया गया है। राज्य निर्माण के विगत 18 वर्ष बीत जाने के बाद भी सरकार ने महासंघ के एक भी मांगों को पुरा नहीं किया है। सन् 2018 में सरकार के गैजेट नोटिफिकेशन कर झारखंड एडवोकेट कर्ल्क वेलफेयर फंड एक्ट 2018 पारित किया गया था। एक्ट संचालन के लिए अध्यक्ष , सचिव भी बनाया गया था। संचालन के लिए सरकार ने जिन अतिव्यस्त रहने वाले पदाधिकारियों को जिम्मेवारी दी है। उनके पास हमारे काम का समय नहीं है। सरकार ने कमिटी का अध्यक्ष राज्यवार काउंसिल के चेयरमेन को बनाया है,जो अतिव्यस्त है, महांसघ के अधिकारी कई बार उनसे मिले, पर वो काफी व्यस्यत है, यही कारण है कि तीन वर्ष बीत जाने के बाद भी कमिटी नहीं बनी है। जबकि एक सप्ताह के अंदर कमिटी का गठन हो जाना चाहिए था। चेयरमेन को कमिटी का अध्य्क्ष बनाया गया, महासंघ संबंधित आवश्यक दस्तावेज भी उपलब्ध करा दिया गया है। कमिटी गठन के लिए दर्जनों बार पत्र देकर आग्रह किया गया है। बावजूद कमिटी का गठन नहीं हुआ है। इसे साफ स्पष्ट हो रहा है चेयरमेन कमिटी का गठन करना ही नहीं चाहते है। सरकार ने कमिटी का विधि सचिव राज्य सरकार को बनाया है। विधि सचिव मंत्रलय के काम से ही व्यस्त रहते है एवं ये भी जुडिसियली का प्रतिनिधत्व करते है।

 

इसके अलावे कमिटी के वित्तिय सचिव रजिस्टार जेनरेल जैसे अतिव्यस्त रहने वाले को शामिल किया गया है। स्पष्ट है कि इतने महात्वपूर्ण रहने वाले अधिवक्ता विधि लिपिकों के कमिटी का काम करने का समय नहीं निकाल पा रहे है। वर्ष 2018 में एक्ट माननीय झारखण्ड उच्च न्यायालय के आदेशानुसार हुवा, है ,और अब तक चालू नही होना,न्यायालय के आदेश का अवमानना है, महासंघ का लंबित मांग को अविलंब संपूर्ण करने तथा परित एक्ट का समिति अविलंब गठन करने के लिए महासंघ ने सरकार का ध्यान आकृष्ट करने हेतु धरना दिया है। जल्द ही राज्य सरकार महासंघ के मांगों को पुरा नहीं करती है, तो लंबित तीन सूत्री मांगों के समर्थन को लेकर आंदोलन तेज किया जाएगा। धरना प्रदर्शन के उपरांत विधि लिपिक महासंघ ने उपायुक्त वरूण रंजन के माध्यम से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को मांग पत्र सौंपा है।

मौके पर सचिव उत्तम कुमार दे,सयुक्त सचिव बिरजू ठाकुर, कोषाध्यक्ष कैलाश केवट , कार्यालय अंकेक्षक कैलाश साह , तपन बनर्जी, हबीबुर रहमान, चरलेश हेम्ब्रम, राजेन्द्र मुर्मू,मानेल हांसदा, सोम हसदा, डेविड मुर्मू ,जीतू सरदार, अजय सिंह, दिनश हसदा ,अनिल हसदा, सुनिराम किस्कू, जगत ज्योति नाथ दुबे ,दलाल सरदार ,बाबूलाल हेम्ब्रम , विश्वनाथ मंडल, सुशील केवट, सुंदर किस्कू, कालीबाबू कर्मकार, मोतिउर रहमान, विजन कुमार दफादार, जीतू सरदार, सहदेव केवट,जावेद ऊमर ,दलाल सरदार, बिन्दा राम, राजा शर्मा , अनवर हुसैन ,मंजूर आलम, बैधनाथ चटर्जी सहित सैकड़ो सदस्य मौजूद थे।

क्या है मांग :-

1- विधि लिपिक अधिनियम (लॉ कर्ल्क एक्ट) बनाकर पारित करने

2- विधिलिपिक कल्याण अधिनियम बनाकर पारित करने

3- उच्च न्यायालय, जिला न्यायालय सहित राज्य के सभी न्यायालय परिसर में बैठने के लिए विधिलिपिक के लिए जमीन उपलब्ध कराकर भवन निर्माण किया जाए

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