झारखंड आंदोलनकारी सम्मान समिति द्वारा खरसावां गोलीकांड में शहीद हुए आंदोलनकारियों के सम्मान में किया गया पौधारोपण…
सरायकेला संजय मिश्रा ।
झारखंड आंदोलनकारी सम्मान समिति हेंसा के तत्वावधान में 1 जनवरी 1948 को खरसावां गोलीकांड में शहीद हुए आंदोलनकारियों के सम्मान में पौधारोपण कार्यक्रम किया गया। समिति के अध्यक्ष शंकर सोय के नेतृत्व में किये गए उक्त पौधारोपण कार्यक्रम में खरसावां राजा गोपाल नारायण सिंहदेव, खरसावां रानी मीनाक्षी देवी, नुआपाका राजकुमार त्रिविक्रम सिंहदेव एवं खरसावां शहीद समाधि स्थल के पुजारी विजय बोदरा सहित आसपास के जनसाधारण उपस्थित रहे।
कार्यक्रम संबंधी जानकारी देते हुए समिति के अध्यक्ष शंकर सोय ने बताया कि मौके पर खरसावां राजा गोपाल नारायण सिंहदेव ने कहा कि तत्कालीन खरसावां राजा रामचंद्र सिंहदेव को झारखंड आंदोलनकारी ज्ञापन सौंपने के उद्देश्य से खरसावां गढ़ की ओर जा रहे थे। और तत्कालीन ओडिशा पुलिस उन आंदोलनकारियों के ऊपर गोली चला दी थी। 1 जनवरी 1948 का खरसावां गोलीकांड आजाद भारत का सबसे बड़ा भयावह गोलीकांड था। उस समय राजा का राज्य नहीं था। लेकिन राजा और प्रजा के बीच मधुर संबंध थे। राजकुमार त्रिविक्रम सिंहदेव ने शहीदों का स्मृतिचारण करते हुए श्रद्धांजलि दी। और पौधारोपण को आज के समय के लिए अति आवश्यक बताया।
मौके पर समिति के अध्यक्ष शंकर सोय एवं सचिव डॉ अतुल सरदार ने अपने अपने विचार रखते हुए उपस्थित जनों का धन्यवाद ज्ञापन कर कहा कि खरसावां गोलीकांड के घायल प्रत्यक्षदर्शी स्वर्गीय मांगू सोय एवं स्वर्गीय दशरथ मांझी द्वारा उनके जीवित अवस्था में दिखाए गए खरसावां गोलीकांड के स्थल पाका बोंध और नूरा बोंध जोड़ा तालाब के स्थान पर शहीदों की स्मृति में बड़ वृक्ष के पौधा सहित अन्य पौधों का रोपण किया गया।