राजनगर (दीपक महतो) श्रम एवं रोजगार मंत्रालय भारत सरकार के अधीन राष्ट्रीय श्रमिक शिक्षा एवं विकास बोर्ड के क्षेत्रीय निदेशालय जमशेदपुर के तत्वाधान में सरायकेला प्रखंड अंतर्गत महालिमोरूप गांव स्थित सरस्वती शिशु मंदिर के प्रांगण में कोविड-19 वैक्सीनेशन को लेकर दो दिवसीय श्रमिक जागरूकता प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में वैक्सीनेशन के प्रति लोगों को जागरूक किया गया। इस कार्यक्रम का उद्घाटन बोर्ड के शिक्षा पदाधिकारी श्री राजकिशोर गोप ने दीप प्रज्वलित कर किया। अपने संबोधन में उन्होंने वैश्विक महामारी कोरोना पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इस रोग से बचने का एक मात्र उपाय टीकाकरण ही है। टीका लेने के बाद मानव जीवन पूरी तरह सुरक्षित हो जाएगा तथा अस्पताल जाने का नौबत 80% तक कम हो जाने की संभावना बन सकती है। इस अवसर पर श्री गोप ने कोरोना टीका के प्रति समाज में फैले नकारात्मक भ्रांतियों को भी दूर किया।आगे श्री गोप ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा अभी पूरे देश में अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है।इस संबंध में स्वतंत्रता संग्राम में योगदान दिए राष्ट्रीय नेताओं को याद कर उन्हें नमन किया गया।इस अवसर पर ग्रामीण बैंक महालिमोरूप के शाखा प्रबंधक श्री संजीव कुमार ने अपने संबोधन में बैंक के माध्यम से चलाए जा रहे कई कल्याणकारी योजना जैसे अटल पेंशन योजना,प्रधानमंत्री सुरक्षा योजना, जीवन ज्योति बीमा योजना तथा स्वय सहायता समूह के लिए चलाए जा रहे ऋण योजनाओं की जानकारी दिया तथा इससे लाभ उठाने का आह्वान किया।
इस अवसर पर कार्यक्रम समन्वव्यक हेमसागर प्रधान ने बताया कि अभी कोरोना खत्म नहीं हुआ है।इससे बचने के लिए एहतियात नियमों का सख्ती से पालन करने का अनुरोध किया। सरस्वती शिशु मंदिर महालिमोरूप के प्रधानाचार्य योगेश कुमार प्रधान ने लोगों को “योग करे और स्वस्थ् रहे” का संदेश दिया और उसे जीवन में अमल करने की बात कही।
इस कार्यक्रम में महिलाओं ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिए । इसमें शामिल महिलाओं ने अपनी बारी आने पर अपने तथा परिवार को वैक्सीन लगवाने तथा गांव को कोरोना मुक्त कराने का संकल्प लिया। इस कार्यक्रम में शामिल 40 प्रतिभागियों को बोर्ड की ओर से उनके खाते में डीबीटी योजना के तहत 500 रुपए भत्ता के रूप में प्रदान किया जाएगा। कार्यक्रम को सफल बनने में देवाशीष ग्वाला, योगेश्वर मंडल,घनश्याम प्रमाणिक, आरती महतो, कृष्णा मंडल ,शांति सामाड आदि का सराहनीय योगदान रहा।