भैरवी जलाशय जिस उद्देश्य से बना उसे पूरा करवाना मेरी पहली प्राथमिकता हैं ममता देवी . . .
रामगढ़ : इन्द्रजीत
जिले के अंतर्गत भैरवी जलाशय परियोजना के अधूरे पड़े नहर के पूर्ण निर्माण को लेकर पूर्व विधायक ममता देवी ने जल संसाधन विभाग के सचिव प्रशांत कुमार से मिली औंर जल्द से जल्द अधूरे पड़े नहर निर्माण कार्य को पूर्ण करने का आग्रह की गई। जिस पर विभागीय सचिव ने आश्वासन दिया की बहुत जल्द ही भैरवी जलाशय के दोनों नहरों का डीपीआर तैयार कर निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा । भैरवी जलाशय बांध निर्माण पूर्ण होने के कई वर्षों के पश्चात अभी तक नहर निर्माण कार्य पूरा नहीं होने के मामले को लेकर पूर्व में भी पूर्व विधायक ममता देवी ने विधानसभा सत्र औंर विभागीय मंत्री मिथलेश ठाकुर से मिलकर कार्य को जल्द से जल्द पूरा करने की मांग की गई। इस पर उस समय मंत्री ने आश्वस्त किया था 6 महीने के अंदर इसका डीपीआर तैयार कर नहर का कार्य पूर्ण कराया जाएगा। क्षेत्र के किसानों को इसका लाभ मिलेगा। इसी मुद्दे पर विधायक ने कहा कि जिस उद्देश्य से भैरवी डैम बनाया गया था उस उद्देश्य की पूर्ति नहीं हुई ।भैरवा जलाशय क्षेत्र के लोगों के लिए लाभप्रद नहीं साबित हो रहा है। जलाशय के लिए भैरवी डैम बनाया गया। नदी बांध कर जल का संचय भी कर लिया गया। लेकिन इससे एक इंच भूमि में भी सिंचाई की शुरुआत नहीं हुई हैं। इसके उलट अधिग्रहित जमीन के अलावे सैकड़ों एकड़ में खेती प्रभावित हो रही है। अब तक किसानों को डैम से खुशियां कम, गम ज्यादा मिल रहा हैं। भैरवा जलाशय के लिए 1986 में ही सर्वे किया गया था। इसके बाद 1990 से इसमें काम शुरू हुआ। इसके बाद 1993 में काम बंद हो गया। इसके बाद कई बार काम शुरू एवं बंद होता रहा। मात्र 16 करोड़ की प्राक्कलन की राशि को रिवाइज होते- होते 116 करोड़ तक पहुंच गई। फिर भी काम में कुछ न कुछ अड़चन आती रही हैं। चार अप्रैल 2016 को रिवर क्लोज किया गया। डैम में जल संचय शुरू हो गया। उस वक्त किसानों को उम्मीद बंधी कि उन्हें भैरवा जलाशय सिंचाई योजना का भरपूर लाभ मिलेगा। खेतों में फसल लहलहाएगी घर में खुशहाली आएगी। लेकिन रिवर क्लोजिंग के कई वर्ष से अधिक गुजर गए। लेकिन अब तक योजना पूरी नहीं हुई हैं। भैरवी जलाशय योजना के तहत 16.46 किमी लंबी दाई मुख्य नहर एवं 15.54 किमी लंबी बाई मुख्य नहर निर्माण कार्य की जानी हैं। दाई मुख्य नहर से 4423.12 एकड़ खरीफ एवं 1326. 96 एकड़ रबी फसल की सिंचाई की जानी हैं।