राँची : विकास का इंडेक्स खुशहाली आधारित हो : डॉ मयंक मुरारी…
रिपोर्ट : अर्जुन प्रमाणिक
अब समय आ गया है कि हम विकास के वैकल्पिक मार्ग पर विचार करे। जनजातीय समाज को मुख्य धारा में लाने की जरूरत नहीं है। उक्त बातें विचारक और उषा मार्टिन के महाप्रबंधक डॉ मयंक मुरारी ने कहीं। वह आज आज सीआईआई के ट्राईबल समिट में यह बात कहीं कार्यक्रम अड्रेस हाउस में आयोजित था। उन्होंने कहा कि विकास की परिभाषा को भौतिक सुख सुविधाओं के आधार पर आंकलन की स्थापित मानदंड को छोड़ना होगा।इसके बदले मानव की खुशहाली के आधार पर विकास का आंकलन हो । इसके लिए जनजातीय समाज की संस्कृति, परंपरा और जीवन को समझना होगा।
समाज का विकास का मतलब है, सामाजिक प्रगति और उन्नति के वर्तमान संदर्भ को समझना। समाज का विकास एक बहु-आयामी प्रयास है. इसका मकसद लोगों के जीवन को बेहतर बनाना और उन्हें अपने जीवन पर नियंत्रण देना होता है। समाज के विकास में कई कारक योगदान देते हैं, जैसे कि तकनीकी प्रगति, राजनीतिक और आर्थिक बदलाव, सांस्कृतिक बदलाव, और व्यक्तिगत और सामूहिक प्रयास।
समाज के विकास के लिए, लोगों को साक्षरता, शिक्षा, अच्छा स्वास्थ्य, पोषण, सुरक्षा, पेयजल, चिकित्सा, और स्वास्थ्य सुविधाएं मिलनी चाहिए।
राँची से वनांचल 24 टीवी लाइव के लिए अर्जुन कुमार का रिपोर्ट