अखिल भारतीय मनरेगा कर्मचारी महासंघ के दो दिवसीय राष्ट्रीय
अधिवेशन नई दिल्ली में सम्पन्न, महेश सोरेन बने राष्ट्रीय
संयोजक…..
रांची/अनगड़ा (अर्जुन कुमार प्रमाणिक) : अखिल भारतीय मनरेगा कर्मचारी महासंघ के दो दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन नई दिल्ली में सम्पन्न हुआ इस अधिवेशन में देश भर के हजारों मनरेगा कर्मियों ने भाग लिया। जिसमें झारखण्ड का प्रतिनिधित्व महेश सोरेन ने किया । अधिवेशन की समाप्ति पर महेश सोरेन को राष्ट्रीय संयोजक बनाया गया ।
वही महेश सोरेन प्रदेश उपाध्यक्ष झारखण्ड राज्य मनरेगा कर्मचारी संघ झारखण्ड सह सदस्य केंद्रीय समिति झारखण्ड राज्य अनुबंध कर्मचारी महासंघ झारखण्ड ने अपने सबोधन में देश के विभिन्न प्रदेशों से आये सभी मनरेगाकर्मियों को झारखंड के शहीद वीर पुरूष के सभी को स्वागत किया ।
वही झारखण्ड में झारखण्ड राज्य अनुबंध कर्मचारी महासंघ झारखण्ड के अगुवाई में अनुबंन्ध /संविदा कर्मियों ने एक नया इतिहास संविदा संवाद के माध्यम से बनाया है ,जिसके माध्यम से हमलोगों ने झारखंड में अनुबंध कर्मी विरोधी पूर्ववर्ती सरकार को सत्ता से बेदखल कर अनुबंध कर्मी हितैषी बन बैठा है । इसके लिए झारखण्ड के 24 जिलों के लगभग 40 से अधिक छोटे बड़े अनुबंध कर्मियों के 6 लाख से अधिक लोगों को एक मंच पर लाकर उसके 60 लाख वोट बैंक को गोलबंद किया । जिसकी गोलबन्दी हमारे संघठन के मार्गदर्शन मंडली के नेता सुशील कुमार पांडेय जी के अगुवाई में हुआ ।
वही उन्होनें बताया कि संविदाकर्मियों की मांगों को मजबूती देने के लिए वोटर नहीं वोट बैंक हैं हम ,हमारा वोट उसको जो नियमित करें हमको का नारा दिया और पूरे राज्य में 7 से अधिक विधानसभा सम्मेलन कर अनुबंध कर्मियों को जागरूक किया जा रहा है
सुशील कुमार पांडेय ने कहा की देश के राजनेताओं, नौकरशाही और शोषक वर्गों को सबक सिखाने के लिए लोकसभा के पूर्व हमलोगों को देश भर के संविदाकर्मियों को एक मंच पर लाकर राष्ट्रीय स्तर पर भी संविदा संवाद और वोटों की गोलबंदी कर अनुबंध कर्मी हितैषी सरकार बनाने के लिए काम करना होगा । इस सरकार को बताना होगा कि े किस तरह श्रम कानूनों ,न्यूनतम वेतन अधिनियम और समान काम समान वेतन के लिए जारी निर्देशांे की अवहेलना कर एक व्यवस्था पोषित और अल्प मानदेय पर शोषित उच्च योग्यता वान को अपमान करने वाली व्यवस्था बना डाली है ।
एक गहरी साजिश के तहत मनरेगा के मानव सम्पदा वाले शीर्ष में कोई संषोधन और सुधार नही किया जा रहा जबकि वर्ष 2006 से लेकर वर्ष 2022 तक दर्जनों संसोधन किया गया । केंद्र सरकार को चाहिए कि मनरेगाकर्मियों के मानदेय मद में अविलम्ब संसोधन कर इसे केंद्रीय कर्मी के समान वेतन सुविधा और अवसर प्रदान करे । केंद्र प्रायोजित योजनाओं की जब लागू आप करते है तो उसके कर्मियों की हितो रक्षा करना भी केंद्र की जिम्मेवारी है । माननीय प्रधानमंत्री जी से आग्रह करता हूँ कि केंद्र प्रायोजित सभी योजनाओं मनरेगा ,मिशन वात्सल्य बाल संरक्षण सहित सभी के कर्मियों के हितों की रक्षा के लिए एक बार बढ़ती महंगाई के अनुरूप वेतनमानों देने की दिशा में आगे बढ़े ।