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साहिबगंज
रण बिजय गुप्ता(संथाल ब्यूरो)

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साहिबगंज उप विकास आयुक्त प्रभात कुमार बरदियार की अध्यक्षता में ज़िला में चल रहे 1000 दिवसीय समर अभियान के प्रगति की समीक्षा की ।इस दौरान उन्होंने कई दिशानिर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए।

*■क्या है समर अभियान*

कुपोषण (Malnutrition) और एनीमिया के खिलाफ राज्य सरकार द्वारा ‘समर’ नामक 1000 दिनों का विशेष अभियान शुरू किया गया है। इसके तहत डोर टू डोर सर्वे कर कुपोषित एवं एनीमिया से पीड़ित महिलाओं-बच्चों को चिन्हित कर उन्हें उचित पोषण एवं उपचार उपलब्ध कराया जाना है। अभियान के बाद कुपोषण मुक्त होने वाली पंचायतों को एक-एक लाख रुपए दिए जाएंगे। कुपोषण और एनीमिया झारखंड की गंभीर समस्या है।
बताते चलें कि झारखंड में 6 महीने से लेकर 59 महीने (यानी पांच वर्ष से कम) तक की आयु वर्ग के 67 प्रतिशत बच्चे एनीमिया के शिकार हैं। इसी के तरह राज्य की 65.3 प्रतिशत महिलाएं और 30 प्रतिशत पुरुष भी खून की कमी वाली इस बीमारी से ग्रसित हैं।

*■जिले में समर अभियान की समीक्षा*

बैठक के दौरान डीडीसी श्री बरदियार ने 100 दिवसीय समर अभियान के तहत केंद्रवार पोषण दल के द्वारा शुरू किए गए सर्वे की अद्यतन प्रगति की समीक्षा की । जहां बताया गया कि कुल 1698 आंगनबाड़ी केंद्रों में सर्वे का कार्य चल रहा है।
इसके तहत ज़िला में 138231 घरों के सर्वे का लक्ष्य निर्धारित है ।जबकि 97592 घरों का सर्वे कर ऐप में अपलोड कर दिया गया है। इसी विषय पर उप विकास आयुक्त ने सर्वे कार्य में गति लाने एवं बचे हुए हाउसहोल्ड का सर्वे करने का निर्देश दिया।

*■ज़िला में समर अभियान का सफल क्रियान्वयन*

ज़िला में समर अभियान के सफल क्रियान्वयन हेतु कार्य योजना बनाकर काम किया जा रहा है ।जिसमें आंगनबाड़ी सेविका-सहायिकाओं के विशेष दल बनाए गए है।
इसके अंतर्गत जिला में सर्वे किया जा रहा है ।इसके बाद चिन्हित महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य सूचकांक की लगातार मॉनिटरिंग भी की जा रही है। जो बच्चा अत्यंत कुपोषित पाया जाएगा, उसे तत्काल उपचार केंद्रों में पहुंचाया जाएगा। कुपोषण और एनीमिया पीड़ित महिलाओं-बच्चों के ब्योरे एक ऐप में डाले जा रहें हैं।

सहायता समूह की महिला एवं सैया दीदी द्वारा समर अभियान के अंतर्गत गांव -गांव में पोषण सभाएं आयोजित की जा रहीं हैं।
इस अभियान में हर पंचायत को एक इकाई के रूप में माना जाएगा।पोषण संबंधी सूचकांक के लिए आठ-दस पैरामीटर तय किए गए हैं।आंगनबाड़ी सेविका, सहायिका, पोषण सखी, स्कूल प्रबंधन समिति के अध्यक्ष, जल सहिया के सहयोग से पोषण सभाएं आयोजित की जाएंगी।उचित पोषण के लिए साग-सब्जी, चावल, गेहूं, दाल, अंडा, फल आदि के उपयोग के लिए प्रेरित किया जाएगा।

इसी संबध में उक्त पैमानों को ध्यान में रख कर सभी आयु वर्ग और माताओ को चिन्हित कर उनकी जांच की जा रही है तथा एसटीएस में एनरोल किया जा रहा है।
समीक्षा के क्रम में बताया गया कि 58026 चिंहितों की जांच की गई है तथा उनका इलाज किया जा रहा है।
इसके अलावे मातृ वंदना योजना पोषण ट्रैकर एप्स की स्थिति, पूरक पोषाहार के भुगतान आदि की समीक्षा भी की गई।

उक्त समिक्षा बैठक में जिला समाज कल्याण पदाधिकारी सुमन गुप्ता, डॉ मोहन पासवान, सिटी मैनेजर साहिबगंज, जेएसएलपीएस के बीपीएम, बिटीटी एवं अन्य उपस्थित थे ।

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