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पारा शिक्षक नियुक्ति हुई तो रोक देंगे राजधानी की रफ़्तार :

कुणाल दास…

सरायकेला Sanjay । राज्य सरकार द्वारा पारा शिक्षक बहाली की घोषणा से जेटेट सफल अभ्यर्थियों का गुस्सा फूट पड़ा है। पारा शिक्षक/गैर पारा जेटेट सफल अभ्यर्थी संघ ने सरकार को चेतावनी तक दे डाली है कि अगर राज्य में नियमित नियुक्ति से इतर पारा शिक्षक बहाली की गई तो आंदोलन करके राजधानी रांची की रफ़्तार रोक देंगे। मंगलवार को संघ के प्रदेश अध्यक्ष कुणाल दास ने इस संदर्भ में एक प्रेसवार्ता के दौरान कहा कि राज्य में अधिकारियों की लापरवाही से त्रुटिपूर्ण नियोजन नीति बनाई गई। जिसे रांची हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया है। ऐसे में सरकार को चाहिए कि यथाशीघ्र एक दोषरहित नियोजन नीति तय कर वादे के अनुरूप हेमंत सरकार झारखण्ड के युवाओं को स्थायी नौकरी प्रदान करे। इसके उलट सरकार कभी सहायक आचार्य तो कभी पारा शिक्षक बहाली की बात कर रही है।

श्री दास ने शिक्षा मंत्री और शिक्षा सचिव के पारा शिक्षक बहाली संबंधित बयान पर भी जमकर बरसते हुए कहा कि नई शिक्षा नीति के तहत अब सरकारी स्कूलों में अलग-अलग कैडर के शिक्षक बहाल नहीं किए जा सकते। साथ ही नये नियमों के अनुसार किसी भी विभाग में संविदा पर नियुक्त पर स्थायी रूप से रोक लगी हुई है। इस बात की जानकारी मंत्री और सचिव को होनी चाहिए। अगर जानकारी के बावजूद सरकार की ओर से इस प्रकार का बयान आता है तो यह केवल युवाओं को बरगलाने का हास्यास्पद बयान है। जहां तक शिक्षक नियुक्ति की बात है तो स्पष्ट करना चाहेंगे कि वर्ष 2016 में आयोजित जेटेट परीक्षा शिक्षक नियुक्ति नियमावली 2012 के तहत ली गई थी। हम राज्य भर के जेटेट सफल पारा शिक्षक एवं गैर पारा एक लाख अभ्यर्थी अपनी इस मांग को लेकर पूरी तरह से एकजुट और अडिग हैं कि हम 2012 नियमावली के तहत मैरिट लिस्ट के आधार पर स्थायी शिक्षक बनने के पात्र हैं और नौकरी लेकर रहेंगे। इसके लिए हम फिलवक्त सरकार के प्रतिनिधियों एवं विभागीय अधिकारियों से शिष्टाचार भेंट कर अपनी मांग से अवगत करा रहे हैं।

आवश्यकता पड़ी तो बड़े विद्रोह के लिए भी जा सकते हैं। उन्होंने आगे राज्य सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि पारा शिक्षक नियुक्ति का ख्याल तक मन से निकाल दे सरकार। अगर वर्तमान परिस्थितियों में सरकार पारा शिक्षक बहाली करती है तो आंदोलन की उद्घोषणा करते हुए तकरीबन एक लाख की संख्या में जेटेट अभ्यर्थी राजधानी रांची में जुटकर विरोध प्रदर्शन करेंगे। ऐसे में राजधानी की विधि-व्यवस्था में किसी भी प्रकार की अव्यवस्था फैलने पर संपूर्ण जवाबदेही सरकार की होगी। सरकार अगर झारखण्डी युवाओं के प्रति सकारात्मक भावना रखती है तो तत्काल नियोजन नीति तय करते हुए 26000 सीटों पर पुरानी शिक्षक नियुक्ति नियमावली के तहत मैरिट लिस्ट बनाकर जेटेट पास अभ्यर्थियों को सरकारी शिक्षक के पद पर बहाल करे।

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