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विश्व कल्याण निमित्त श्रीमद्भगवद्गीता यज्ञ 14 से,

तैयारियां हुई पूरी…..

सरायकेला। प्राचीन बाना टांगरानी गुरुकुल आश्रम में पिछले 7 दशक से किए जाते रहे जगत कल्याण निमित्त संपुटित गीता यज्ञ की तैयारी पूरी हो चुकी है। प्राचीन गुरुकुल राम बाबा आश्रम सजधज कर तैयार हो चुका है।

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गुरुकुल आश्रम के कर्मानंद सरस्वती उर्फ चंदन बाबा ने जानकारी देते हुए बताया कि यज्ञ, कर्मकांड की विधि है। जो परमात्मा द्वारा ही हृदय में सम्पन्न होती है। जीव के अपने सत्य परिचय, जो परमात्मा का अभिन्न ज्ञान और अनुभव है, यज्ञ की पूर्णता है। यह शुद्ध होने की क्रिया है। इसका संबंध अग्नि से प्रतीक रूप में किया जाता है।

शरीर या देह सेवा को छोड़ देने का वरण या निश्चय करने वालों में, यज्ञ अर्थात जीव और आत्मा की क्रिया या जीव का आत्मा में विलय, परमात्मा का कार्य है।

यज्ञ का अर्थ जबकि कर्मकांड है। किन्तु इसकी शिक्षा व्यवस्था में अग्नि और घी के प्रतीकात्मक प्रयोग में पारंपरिक रूचि का कारण अग्नि के भोजन बनाने में या आयुर्वेद और औषधीय विज्ञान द्वारा वायु शोधन इस अग्नि से होने वाले धुओं के गुण को यज्ञ समझ इस ‘यज्ञ’ शब्द के प्रचार प्रसार में बहुत सहायक रहे। इस मौके पर सरायकेला नगर पंचायत उपाध्यक्ष सह भाजपा नेता मनोज कुमार चौधरी ने गुरुकुल आश्रम पहुंचकर गीता यज्ञ की तैयारी में शामिल हुए।

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