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पर्सनल स्मार्टफोन पर बायोमैट्रिक हाजिरी के लिए बाध्य नहीं कर सकती सरकार: कुणाल दास. . .

सरायकेला SANJAY । राज्य के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों को बायोमैट्रिक उपस्थिति दर्ज करने के लिए पर्सनल स्मार्टफोन इस्तेमाल करने को बाध्य नहीं कर सकती है सरकार। इसके लिए सरकार को प्रत्येक स्कूलों में पर्याप्त संसाधन उपलब्ध कराना चाहिए। उक्त बातें पारा शिक्षक-गैर पारा जेटेट सफल अभ्यर्थी संघ झारखण्ड प्रदेश के अध्यक्ष कुणाल दास ने सोमवार को एक प्रेसवार्ता के दौरान कहीं। उन्होंने कहा कि आज़ के दौर में भी कई शिक्षक खासकर पारा शिक्षक ऐसे हैं जो या तो स्मार्टफोन यूज ही नहीं करते हैं या फिर पूरे परिवार के लिए सिर्फ एक ही स्मार्टफोन उपलब्ध है। कई लोग अन्यान्य कारणों से भी स्मार्टफोन का ज्यादा इस्तेमाल नहीं करते। ऐसे में विभाग द्वारा शिक्षकों को पर्सनल स्मार्टफोन द्वारा बायोमैट्रिक उपस्थिति बनाने के लिए दबाव डालना बिल्कुल भी न्यायसंगत नहीं है। सरकार को चाहिए कि बायोमैट्रिक उपस्थिति दर्ज कराने के लिए प्रत्येक सरकारी स्कूलों में जरूरी संसाधन उपलब्ध कराएं। इसके अलावा ई-विद्यावाहिनी शुरू से ही तकनीकी समस्याओं से जूझ रहा है। सरकार को इस पर भी ध्यान देते हुए इसे दुरुस्त करने की आवश्यकता है। श्री दास ने कहा है कि जब तक सरकार स्कूलों में बायोमैट्रिक उपस्थिति दर्ज कराने हेतु मशीन उपलब्ध कराते हुए तमाम तकनीकी समस्याओं को दुरुस्त नहीं करती है, तब तक यदि शिक्षकों को व्यक्तिगत स्मार्टफोन पर बायोमैट्रिक उपस्थिति बनाने के लिए दबाव डालती है तो संघ इसका कड़ा विरोध करेगा। साथ ही वर्तमान परिस्थितियों में अगर बायोमैट्रिक उपस्थिति के मामले में विभाग अगर किसी शिक्षक को शोकॉज करती है तो संघ न्यायालय तक भी जाने से गुरेज नहीं करेगा।

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