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सरस्वती शिशु मंदिर उच्च विद्यालय सरायकेला में दादा-दादी,

नाना-नानी सम्मान समारोह का हुआ आयोजन….

सरायकेला। सरस्वती शिशु मंदिर उच्च विद्यालय के शांतिकुंज में भव्य समारोह के साथ दादा-दादी, नाना-नानी का सम्मान सह पूजन समारोह आयोजित किया गया। दीप प्रज्वलन एवं सामूहिक वंदना के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। विद्यालय के प्रधानाचार्य पार्थसारथी आचार्य के द्वारा सबसे पहले उपस्थित मंचासीन अधिकारियों का परिचय करवाया गया। उन्होंने कहा कि शिक्षा एक ऐसी संस्था है, जिससे हम दुनिया को बदल सकते हैं। हमारा विद्यालय संस्कार संस्कृति एवं सदाचार के लिए विशेष रूप से जाना जाता है। इसी कड़ी में हम आज दादा- दादी, नाना- नानी का पूजन समारोह का आयोजन कर रहे हैं। संस्कृति और सामाजिक कर्तव्य के विकास करने के लिए शिशु मंदिर हमेशा प्रयासरत है और रहेगा। विद्यालय प्रबंधकारिणी समिति के सचिव रमानाथ आचार्य ने कहा कि आज की वर्तमान पीढ़ी दादा- दादी, नाना- नानी की देन है। संस्कार का प्रथम पाठशाला हमारे बुजुर्ग हैं। हमारे दादा- दादी, नाना- नानी ही हमें संस्कार देते हैं। बिना संस्कार के चरित्र निर्माण संभव नहीं होता। इसलिए उनका आदर सम्मान करना हमारा अपना दायित्व बनता है। उनके मार्गदर्शन से ही परिवार रूपी गाड़ी आगे बढ़ती है। पूरे विद्यालय की ओर से दादा दादी नाना नानी का अंग वस्त्र के साथ उनका सम्मान किया गया। तत्पश्चात पोते पोतियो ने तिलक लगाकर, पुष्प अर्चन कर दादा-दादी के चारों ओर परिक्रमा करके उनकी पूजा अर्चना की। दादा- दादी, नाना- नानी ने उन्हें आशीर्वाद प्रदान किए। उक्त कार्यक्रम में 154 की संख्या में दादा दादी नाना नानी के साथ विद्यालय के सभी शिक्षक एवं शिक्षिकाएं उपस्थित रहे।

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