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नाबालिग का अपहरण कर दुष्कर्म करने के मामले पर सुनवाई

करते हुए एडीजी वन की अदालत ने अभियुक्त को सुनाई

आजीवन कारावास की सजा…..

सरायकेला : नाबालिग लड़की का अपहरण कर दुष्कर्म करने के एक मामले पर सुनवाई करते हुए एडीजे वन अजीत कुमार सिंह की अदालत ने पर्याप्त साक्ष्य के आधार पर मामले के आरोपी शंभा मांझी को भादवि की धारा 376 एवं 4 पोस्को एक्ट के तहत सक्रम आजीवन कारावास और पांच लाख का अर्थदंड की सजा सुनाई है. जुर्माना अदा नही कर पानी की स्थिति में दो वर्ष अतिरिक्त साधारण कारावास की सजा भुगतनी होगी.

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भादवि की धारा 363 के तहत सात वर्ष और एक लाख का जुर्माना की सजा सुनाई है. जुर्माना नही देने पर छह माह का अतिरिक्त साधारण कारावास की सजा दिया गया है. कोर्ट ने मामले पर जुर्माने की राशि पीडिता को देने व डीएलएसए को पीडिता का पुर्नवास करने का आदेश दिया है. मामला वर्ष 2013 में गम्हरिया थाना क्षेत्र का है.

मामले पर पीडिता के पिता ने गम्हरिया थाना में अपनी 15 वर्षीय पुत्री का बुरी नियत से अपहरण करने की प्राथमिकी दर्ज करायी थी. दर्ज प्राथमिकी के अनुसार नाबालिग पुत्री अपने मौसी के घर गयी हुई थी. शौच करने के लिए वह झाडी के तरफ गयी, तो शंभा मांझी उर्फ शंभा मुर्मू ने बुरी नियत से उसका अपहरण कर लिया. काफी खोजबीन करने के बाद भी कहीं पता नही चला। बाद में पुलिस को सुचना दिया गया। तो पुलिस द्वारा बरामद किया गया था.

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