नगर निकाय चुनाव में सराइकेला नगर पंचायत के अध्यक्ष का
पद अनुसूचित जनजाति महिला किए जाने के विरोध में बंद रहा सरायकेला
अंग्रेजों के जमाने का सरायकेला नगरपालिका को आजादी के
बाद तत्कालीन बिहार का पहला नगरपालिका होने का प्राप्त है
गौरव…
सरायकेला Sanjay । राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा निर्वाचन क्षेत्र के अध्यक्ष पद पर आरक्षित, अनारक्षित, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के तहत महिला या अन्य की सूची जारी कर दी गई है। नगर निकाय चुनाव को लेकर जारी किए गए रोस्टर में सरायकेला नगर पंचायत के अध्यक्ष का पद अनुसूचित जनजाति महिला के लिए आरक्षित किए जाने के विरोध में शनिवार को सरायकेला बंद रहा। इसका विरोध करते हुए सरायकेला बाजार क्षेत्र के दुकानदारों ने शनिवार की सुबह से ही स्वेच्छा से अपनी-अपनी दुकानें बंद रखें। दवा और दूध की दुकानों को छोड़कर बाकी सभी दुकाने इस दौरान बंद रहे। जिसे देखते हुए बाजार निकले लोगों को चाय तक नसीब नहीं हुआ। हालांकि दोपहर बाद दुकानें धीरे-धीरे खुलने लगी।
और शाम ढलते ढलते स्थिति सामान्य हुई। बंद को लेकर बताया गया कि सरायकेला नगर पंचायत के अध्यक्ष का पद सामान्य रहा है। परंतु इस बार अध्यक्ष पद अनुसूचित जनजाति महिला के लिए आरक्षित कर दिया गया है। जिसमें बताया गया कि सरायकेला नगर पंचायत क्षेत्र में सामान्य वर्ग की आबादी 85% से अधिक है। और सदियों से सरायकेला नगर पंचायत के अध्यक्ष का पद सामान्य कोटि का रहा है। इसलिए सरायकेला नगर पंचायत में सामान्य वर्ग को नगर पंचायत चुनाव में प्रतिनिधित्व करने का अवसर मिलना चाहिए। इसके लिए सक्षम न्यायालय की शरण में जाने की बात भी कही गई। स्थानीय लोगों के अनुसार आदित्यपुर नगर निगम में प्रत्येक 5 वर्ष में रोटेशन किया गया। जबकि चाईबासा में प्रत्येक 10 वर्ष में रोटेशन किया गया।
परंतु सरायकेला नगर पंचायत में 20 वर्षों बाद रोटेशन किया गया। लेकिन रोटेशन की यह प्रक्रिया स्थानीय लोगों को रास नहीं आ रहा है। जिसके कारण लोगों में आक्रोश व्याप्त है। बताते चलें कि पिछले दो चुनाव से सरायकेला नगर पंचायत के वार्ड नंबर 10 में अधिसूचना निकली। लेकिन लोगों ने वोट का बहिष्कार किया। जिसका परिणाम रहा कि लगातार दो टर्म से वार्ड नंबर 10 बिना वार्ड पार्षद के चल रहा है।
अंग्रेजों के जमाने के सरायकेला नगरपालिका का गौरवमई सफर रहा है :-
सरायकेला स्टेट के जमाने में गांव की अपेक्षा सरायकेला क्षेत्र को नगर की सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से सरायकेला स्टेट के तत्कालीन महाराजा उदित नारायण सिंहदेव ने वर्ष 1889 में सरायकेला नगरपालिका की स्थापना की थी। जिसका अध्यक्ष पद प्रारंभ से ही अनारक्षित रहा है। उक्त जानकारी देते हुए सरायकेला राजा प्रताप आदित्य सिंहदेव ने बताया कि आजादी के बाद सरायकेला नगरपालिका तत्कालीन बिहार राज्य की एकमात्र नगरपालिका रही थी। और प्रारंभ से ही अध्यक्ष पद से लेकर वार्ड कमिश्नर का चुनाव विधि सम्मत तरीके से होता रहा है। जिसमें आजादी के बाद गठित पहली सरायकेला नगरपालिका बोर्ड के अध्यक्ष होने का गौरव स्वर्गीय मिहिर कवि को प्राप्त है। जो बाद में अनारक्षित सरायकेला विधानसभा सीट से विधायक भी रहे।
और आजादी के बाद तक नगरपालिका संचालन के नियम अलग और विशेष विकासवादी रहे। इसके बाद 22 सालों के अंतराल के बाद सरायकेला नगर पंचायत बनकर नगर निकाय का चुनाव संपन्न कराया गया। जिसमें सरायकेला नगर पंचायत की पहली महिला अध्यक्षा होने का गौरव श्रीमती अरुणिमा सिंहदेव को प्राप्त हुआ। जिन्हें लोगों का 92 से 93% बहुमत प्राप्त हुआ था। श्रीमती अरुणिमा सिंहदेव लगातार दो टर्म तक सरायकेला नगर पंचायत की अध्यक्षा रही। जिसके बाद सामान्य महिला आरक्षित सीट पर तीसरी बार वर्तमान नगर पंचायत अध्यक्षा मीनाक्षी पटनायक आसीन है।