
लकड़ी तस्करों ने दलमा में रामगढ़ जंगल के 20 एकड़ जंगल का
किया सफाया. कटने वालों में झारखंड के राजकीय पेड़ साल की
बहुतायत, विभाग ने कहा नहीं बख्शे जाएंगे दोषी…..
सरायकेला। जंगल है तो जीवन है और पेड़ पर्यावरण की जान…..। पर्यावरणविदों और वन विभाग के ऐसे इंस्पिरेशनल डायलॉग पर मानव का लालच भारी पड़ता हुआ देखा जा रहा है। जहां सरायकेला खरसावां और जमशेदपुर के जीवन रेखा के रूप में मौजूद दलमा वन क्षेत्र में इन दिनों लकड़ी तस्करों की बल्ले बल्ले है।
बीते एक सप्ताह के भीतर तथाकथित लकड़ी तस्करों ने बेहद ही बेखौफ तरीके से दलमा वन क्षेत्र के चांडिल प्रखंड अंतर्गत रामगढ़ के जंगल के 20 एकड़ जंगल की को काटकर जंगल का सफाया कर दिया है। इतने बड़े पैमाने पर जंगल के सफाये की बात प्रकाश में आते ही महकमा रेस हो गया। और अब क्षति का जायजा लेने के साथ-साथ दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई किए जाने की कवायद शुरू की जा रही है। बताया जा रहा है कि इतने बड़े पैमाने पर जंगल के सफाये के बाद काटी गई पेड़ों की लकड़ियों को चांडिल थाना और बोड़ाम थाना पार करते हुए पश्चिम बंगाल की ओर पहुंचाने का काम किया जा रहा है।
जिसे लेकर विभाग भी मान रहा है कि लकड़ी तस्करों की इतनी हिमाकत में विभागीय अधिकारी एवं कर्मियों की संलिप्तता संभव है। क्योंकि बड़ी मात्रा में नेशनल हाईवे से होते हुए काटी गई लकड़ियों का परिवहन हुआ है। अनुमान लगाते हुए बताया जा रहा है कि बीते एक सप्ताह के भीतर तकरीबन सैकड़ों की संख्या में राजकीय पेड़ साल और कीमती सखुआ के पेड़ काटे गए हैं।
इधर घटना की सूचना मिलते ही सरायकेला खरसावां जिले के जिला वन पदाधिकारी आदित्य नारायण रामगढ़ जंगल पहुंचे। जहां उन्होंने काटे गए वन क्षेत्र का निरीक्षण किया। और क्षति का जायजा लेते हुए इसे बहुत ही दुखद घटना बताया। उन्होंने कहा कि मामले की सघन जांच की जाएगी। और अगल-बगल के क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर छापेमारी कर जल्द से जल्द अधिक से अधिक रिकवरी का प्रयास किया जाएगा।
मामले में संलिप्त बाहरी हो या विभागीय कर्मी को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाएगा। प्रारंभिक स्तर पर जांच कर क्षति का जायजा लिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि किसी भी हाल में दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।
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