आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत अंतरिक्ष में भारत विषय पर वेबीनार का किया गया आयोजन. . .
सरायकेला। आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत शिक्षा विभाग सरायकेला-खरसावां द्वारा जिला स्तरीय वेबीनार का आयोजन किया गया। वेबीनार का विषय अंतरिक्ष में भारत रहा। जिला शिक्षा पदाधिकारी जितेंद्र कुमार सिन्हा के दिशा निर्देश पर वेबीनार का आयोजन अतिरिक्त कार्यक्रम पदाधिकारी प्रकाश कुमार ने किया। वेबीनार में अंतरिक्ष में भारत के बारे में बताने के लिए बीआईटी सिंदरी धनबाद के प्रोफेसर डॉ रिजवान हाशमी ने शिक्षकों को इसके बारे में विस्तार से बताया। बताया कि हमारे बच्चे देश के भविष्य हैं। इनमें शिक्षा के प्रति जागरूकता लाकर भारत को अंतरिक्ष के क्षेत्र में और आगे लाया जा सकता है। भारतीय अन्तरिक्ष कार्यक्रम डॉ विक्रम साराभाई की संकल्पना है, जिन्हें भारतीय अन्तरिक्ष कार्यक्रम का जनक कहा गया है। वे वैज्ञानिक कल्पना एवं राष्ट्र-नायक के रूप में जाने गए। वर्तमान प्रारूप में इस कार्यक्रम की कमान भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के हाथों में है। भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम में खगोल भौतिकी, वायुमंडलीय विज्ञान, खगोल विज्ञान, सैद्धांतिक भौतिकी, ग्रह और पृथ्वी विज्ञान आदि में अनुसंधान और विकास शामिल है। कहा जा सकता है कि भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम ने अपनी विरासत की शुरुआत 19 अप्रैल 1975 को आर्यभट्ट नामक अपने पहले अंतरिक्ष उपग्रह के प्रक्षेपण के साथ की थी। भारत के प्रथम अंतरिक्ष यान का नाम ‘आर्यभट्ट’ था। अंतरिक्ष में ‘भारत की उड़ान’ के तहत विंग कमांडर राकेश शर्मा (1984), कल्पना चावला (1997), सुनीता विलियम्स (2006) और सिरिशा बांदला (2021) ये चार वो नाम हैं जिनका किसी ना किसी तरह से हिन्दुस्तान से नाता रहा है. साल 1962 में भारत सरकार ने अंतरिक्ष अनुसंधान के लिये भारतीय राष्ट्रीय समिति (INCOSPAR) का गठन कर अंतरिक्ष के रास्ते पर अपना पहला कदम रखा। और साल 1963 में थुंबा से पहले साउंडिंग रॉकेट के साथ भारत के औपचारिक अंतरिक्ष कार्यक्रम की शुरुआत हुई। इसके बारे में प्रोफेसर डॉ रिजवान हाशमी ने विस्तारपूर्वक चर्चा की।
जिला शिक्षा पदाधिकारी जितेंद्र कुमार सिन्हा ने कहा कि इस तरह के कार्यक्रम नियमित रुप से करने की आवश्यकता है ताकि बच्चे जो हमारे देश के भविष्य हैं इन विषयों पर अपनी पकड़ बनाएं और अंतरिक्ष में भारत का नाम रोशन करें। अतिरिक्त जिला कार्यक्रम पदाधिकारी प्रकाश कुमार ने समापन पर धन्यवाद ज्ञापन किया।
मैनेजर मोहम्मद अशफाक हुसैन कार्यक्रम में मौजूद रहकर तकनीकी सहायता प्रदान की।