शिक्षक अभ्यर्थियों का सरकार पर गुस्सा एकदम से फूट अब सब्र का बांध टूट चुका है….
8 जनवरी से फूंकेंगे सीधी नियुक्ति का बिगुल : कुणाल दास,
सरायकेला Sanjay । राज्य भर के जेटेट परीक्षा 2016 सफल अभ्यर्थी 8 जनवरी को राजधानी रांची स्थित मोरहाबादी मैदान में बैठक कर सीधी नियुक्ति की रणनीति तैयार करेंगे। इसके लिए जेटेट 2016 के सफल पारा शिक्षक एवं गैर पारा अभ्यर्थी दोनों ही एक मंच पर जुटकर अभियान का आगाज करने की तैयारी कर रहे हैं। उक्त अभ्यर्थियों की मांग है कि शिक्षक नियुक्ति नियमावली 2012 के तहत मैरिट लिस्ट के आधार पर उनकी सीधी नियुक्ति की जाय। इस संदर्भ में सोमवार को टेट सफल सहायक अध्यापक संघ झारखण्ड प्रदेश के मीडिया प्रभारी कुणाल दास ने एक प्रेसवार्ता के दौरान कहा कि वर्ष 2016 में आयोजित जेटेट परीक्षा में विगत सात सालों से शिक्षक नियुक्ति की बाट जोह रहे हैं। अब सब्र का बांध टूट चुका है।
माननीय हाईकोर्ट द्वारा राज्य सरकार की नियोजन नीति को रद्द किए जाने के बाद शिक्षक अभ्यर्थियों का सरकार पर गुस्सा एकदम से फूट पड़ा है। ऐसे में सरकार से हम मांग करते हैं कि यथाशीघ्र नई नियोजन नीति तय करते हुए हमें शिक्षक नियुक्ति नियमावली 2012 को लागू कर मैरिट लिस्ट के आधार पर सीधे सरकारी शिक्षक के पद पर नियुक्त करे। श्री दास ने राज्य सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि एक युवा की जिंदगी में सात साल की समयावधि मायने रखती है। कई अभ्यर्थी उम्र की ढलान पर हैं। ऐसे में सरकार को चाहिए कि तत्काल उन अभ्यर्थियों को सीधे नियुक्त करे। उन्होंने सहायक आचार्य नियुक्ति नियमावली का भी विरोध करते हुए कहा कि वर्ष 2016 में आयोजित जेटेट परीक्षा के विज्ञापन में स्पष्ट अंकित है कि परीक्षा 2012 नियुक्ति नियमावली के आलोक में ली जा रही है। ऐसे में सरकार अगर चपरासी के वेतनमान के साथ अगर सहायक आचार्य नियुक्ति नियमावली लाती है तो हम सिरे से खारिज़ करेंगे।
सिर्फ यही नहीं, उक्त नियमावली में डोमिसाइल को दरकिनार कर देशभर से आवेदन आमंत्रित किए जाने की तैयारी है। अगर सरकार सहायक आचार्य नियुक्ति नियमावली को रद्द करते हुए 2012 की शिक्षक नियुक्ति नियमावली लागू नहीं करती है तो कड़े विद्रोह का सामना सरकार को करना पड़ेगा। हम राज्य भर के पारा शिक्षक एवं गैर पारा दोनों ही कोटि के 2016 जेटेट सफल अभ्यर्थियों से अपील करते हैं कि आगामी 8 जनवरी को मोरहाबादी रांची में आयोजित संयुक्त बैठक में अनिवार्य रूप से उपस्थित हों। वहीं से सीधी नियुक्ति के लिए आगे की रणनीति तय करते हुए अभियान का बिगुल फूंका जाएगा।