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उस्ताद बिस्मिल्लाह खान युवा पुरस्कार 2019 के लिए चुने गए सरायकेला के

विश्वनाथ कुंभकार….

सरायकेला Sanjay : सरायकेला के छोटा टांगरानी निवासी विश्वनाथ कुम्भकार ने अपने खानदानी पेशे को बदल कर छऊ की दुनिया में कदम रखा और अब वे धीरे धीरे आसामान की ऊंचाईयों को छूने लगे है। विश्वनाथ कुम्भकार को उस्ताद बिस्मिल्ला खान युवा पुरस्कार 2019 से नवाजा जाएगा। इसके लिए संगीत नाटक अकादमी नई दिल्ली द्वारा इनका नाम चयनित किया गया है। विश्वनाथ कुम्भकार ने बताया कि उनके पिता हीरालाल कुम्भकार भी छऊ कलाकार थे लेकिन वे कभी विदेश नहीं जा पाए। उनके पिता की दिली इच्छी थी कि उनका बेटा विदेश यात्रा करें। इसलिए उनके पिता ने उनके खानदानी काम मिट्टी के बर्तन आदि बनाने से उनको दूर रखा और छऊ नृत्य सीखने के लिए प्रेरित किया। जिसके बाद वह गांव में छऊ की शिक्षा लेनी शुरू की जिसे देखकर आचार्या छऊ नृत्य विचित्रा द्वारा उन्हें बुलाया गया छऊ की शिक्षा के लिए। कुछ दिन वहां शिक्षित होने के बाद वे दिल्ली चले गए गुरु शशाधर आचार्य के पास छऊ की शिक्षा लेने के लिए। जिसके बाद वे गुरु ब्रजेंद्र कुमार पटनायक, जयनारायण सामल से भी छऊ की शिक्षा ग्रहण की। जिसके बाद उन्होंने 2005 में पहली बार विदेश यात्रा जापान के लिए की। 2007, 2009, 2013 को जापान जाकर छऊ का प्रदर्शन किया। जिसके बाद रसिया, वियतनाम, इंडोनेशिया, मॉरीशस, सिंगापुर में जाकर अपने छऊ का प्रदर्शन किया। विदेश के साथ भारत के मुंबई, न्यू दिल्ली, कोलकाता, हैदराबाद, उज्जैन सहित कई राज्यों में जाकर छऊ का प्रदर्शन किया।

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