जगन्नाथ संस्कृति अनुसंधान परिषद के 6 सदस्यीय
प्रतिनिधिमंडल ने किया सरायकेला का दौरा…..
सरायकेला। जगन्नाथ संस्कृति अनुसंधान परिषद ओडिशा रायरंगपुर शाखा की छ सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल एक दिवसीय दौरे पर सरायकेला पहुंचे। प्रतिनिधि मंडल द्वारा सर्वप्रथम उत्कलमणि पंडित गोपबंधु दास की प्रतिमूर्ति पर माल्यार्पण कर नमन किया गया। तत्पश्चात सरायकेला के जगन्नाथ मंदिर के लिए रवाना हुए। जहाँ जगन्नाथ सेवा समिति सरायकेला के अध्यक्ष राजा सिंहदेव, उपाध्यक्ष सुदीप पटनायक एवं अन्य सदस्यों द्वारा उनका स्वागत किया गया।
तत्पश्चात मंदिर परिसर में एक बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में उन्होंने अनुसंधान के क्रम में सरायकेला में ओड़िया भाषा, संस्कृति की निर्वाहन के संबंध में जानना चाहा। जिस पर समिति के सदस्यों ने बताया कि चूंकि कभी सरायकेला ओडिशा का अभिन्न अंग था। तभी से आज तक सब उत्कलीय संस्कृति को अपनाते रहे हैं। और आगे भी अपनाते रहेंगे ।उन्होंने कहा कि हमारे यहां श्री जगन्नाथ रथ यात्रा की सारे विधि विधान पूरी के तर्ज में होता है।तत्पश्चात परिषद के सदस्यों ने खुशी जाहिर करते हुए अपने विचार को रखते हुए कहा कि हमारे परिषद हर वर्ष जगन्नाथ संस्कृति की विकास हेतु एक सेमिनार की किया जाता है।
जिसमे पूरे ओडिशा के शिक्षाविद, साहित्यकार, लेख़क, वक्ता आदि शामिल होते है। इसलिए हम चाहते हैं कि इस वर्ष आगामी 19 जून को सरायकेला से भी इस सेमिनार में भाग ले। और सम्मान अर्जित करें। और इस कार्यक्रम में आप सादर आमंत्रित है। साथ ही कार्तिक पूर्णिमा के शुभ अवसर पर आयोजित अल्पना प्रतियोगिता में भी भाग लेने के लिए आमंत्रित किया। इसके अलावा उन्होंने सरायकेला नेत्र उत्सव अथवा उभा यात्रा के अवसर पर ओडिशा सरकार की ओर से सांस्कृतिक कार्यक्रम की आयोजन की प्रतिश्रुति दिया।
परिषद की ओर से आए 6 सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल में परिषद के अध्यक्ष तिमी रंजन पंडा, उपाध्यक्ष काली प्रसन्न महंती, सचिव रंजन नंद, सह सचिव किशर कुमार रजक, दिगंबर गिरी एवं अध्यापक विजय राम शामिल है। जबकि बैठक में सुधीर चंद्र दास, चंद्रशेखर कर, नीलकंठ सारंगी, ब्रह्मानंद महापात्र, चिरंजीवी महापात्र, परशुराम कवि, दुखु राम साहू, सुशांत महापात्र, राजीव महापात्र, सुमित महापात्र, बद्री दारोगा सहित अन्य उपस्थित रहे।