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रोक के बावजूद सरायकेला में रात के अंधेरे में जा रही है बालू का खेला, उपायुक्त के सभी नियमों और कानून कार्रवाही धरा का धरा, स्थानीय पुलिस मौन…..

 

सरायकेला (सुदेश कुमार) जिला मुख्यालय में एनजीटी के रोक लगाए जाने के बाद भी रात के अंधेरे में खुलकर बालू की ढुलाई हो रही है। पुलिस तथा खनन विभाग पूरी तरह से मौन है। ताज्जुब की बात यह है कि रात में चलने वाले अधिकतर ट्रैक्टर अपने नंबर प्लेट को खोल कर बालू चोरी की घटना को अंजाम दे रहे हैं। बीती रात लगभग 9ः30 बजे के आसपास जिला परिषद अध्यक्ष सोनाराम बोदरा ने सरायकेला-चाईबासा सड़क पर एक ट्रैक्टर में बालू लदे होने पर उन्होंने ट्रैक्टर को रोकना चाहा।

जिसके बाद ट्रैक्टर चालक ने रफ्तार बढ़ाते हुए जिला परिषद के वाहन को ठोकर मारने की कोशिश की। परंतु जिला परिषद अध्यक्ष बच गए। ट्रैक्टर चालक पेट्रोल पंप के पीछे दलदली जमीन पर ट्रैक्टर छोड़कर फरार हो गया। घटना की जानकारी तुरंत सरायकेला थाना को दी गई। थाना प्रभारी मनोहर कुमार एवं अंचलाधिकारी सुरेश कुमार सिन्हा द्वारा मौके पर पहुंचकर ट्रैक्टर को कब्जे में लिया गया। इस ट्रैक्टर पर भी नंबर प्लेट खोलकर बालू की ढुलाई किया जा रहा था। जिला मुख्यालय सरायकेला में अवैध बालू का कारोबार काफी जोर-शोर से चल रहा है।

ट्रैक्टर ऑनर में कुछ ऐसे लोगों के शामिल होने की बात भी बताई जा रही हैं जो थाना पुलिस को मैनेज करने की क्षमता भी रख रहे हैं। बीती रात पुलिस द्वारा पकड़े गए ट्रैक्टर के बाद कुछ ऐसे दबंग ट्रैक्टर ऑनर का फोन जिले के कुछ आला अधिकारियों तथा पुलिस पदाधिकारियों के पास भी आई है। जिला परिषद अध्यक्ष सोनाराम बोदरा ने कहा कि वर्तमान में सबसे ज्यादा बालू की ढुलाई खरकाई नदी के हुडांगदा घाट से हो रही है। रात भर बालू का अवैध कारोबार यहां चलता है। परंतु पुलिस प्रशासन इस ओर ध्यान नहीं देती है।

उन्होंने कहा कि इस पर नहीं रोक लगाई गई तो सरकार को इस संबंध में अवगत कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि जब तक एनजीटी द्वारा रोक लगाई गई है तब तक बालू पूरी तरह से रोक लगाई जाए तथा इसके पश्चात बालू ढुलाई के लिए स्थानीय जिला प्रशासन द्वारा सरकार की गाइडलाइन का अनुपालन किया जाए। वही उपायुक्त अरवा राजकमल के आदेश पर सभी बालु घाटों पर बेरियार लगाया गया है फिर पुलिस और मजिस्ट्रे भी तैनात है पर बालु गाड़ी उसी रास्ते से निकल जाती है ।

सरायकेला जिले के सतबाहिनी हो या आदित्यपुर के खरकाई हो बालु का उठाव प्रशासन की सहमाति से हो रही है ।

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