( रमजान पर विशेष )
रूहानी पाकीजगी देती है रमजान की इबादतें।
इबादत करने वाला बंदा होता है अल्लाह का मेहमान।
रमजान मुबारक का पाक महीना 4 अप्रैल से हुआ शुरू……
सरायकेला (SANJAY MISHRA) । रमजान मुबारक अल्लाह पाक का महीना है। परवरदिगार ने इसे अपना महीना कहने के साथ ही बताया कि इस माह में इबादत करने वाला बंदा अल्लाह का मेहमान है। इस महीने इबादत करने वाले की रूह पाक होती है।
रमजान के इस महीने में कुरआन नाजिल हुवा, जो लोगों के लिए हिदायत है और जिसमें हिदायत के लिए और हक व बतिल में फर्क करने के लिए नशानियां है। जिसने ईमान और सवाब की नियत से रमजान के रोजे रखे उस के पिछले सारे गुनाह मुआफ कर दिये जाते है। रमजान मुबारक का महिना बीते 4 अप्रैल से शुरू हो चुका है।
लोग मस्जिद में तराबी, जुम्मा की नमाज अदायी सरकार की कोरोना गाईडलाइन के तहत सामाजिक दूरी का पालन करते हुए कर रहे हैं। साथ ही घरों में रहकर लोग कुरान शरीफ की तिलावत कर रहे हैं। मदिना मस्जिद बेहरासाई के मौलाना मो0 आसिफ इकबाल रजवी ने बताते है कि इस महीने शैतान बांध दिए जाते है।
जन्नत का दरवाजा खोल दिया जाता है। जहन्नम के दरवाजे बंद कर दिए जाते है। लिहाजा, लोग इबादतों का खूब लुफ्त उठाते है।
रहमतों का है रमजान का पहला अशरा :-
रमजान मुबारक का पहला अशरा यानि पहले 10 दिन रहमत के है। इन 10 दिनों में रोजेदारों पर अल्लाह पाक की रहमत बरसती है। सच्चे दिल से रोजा रखने वालों के लिए अल्लाह पाक की रहमत जोश में आ जाती है और बंदे की दुवा परवरदिगार आलम कुबूल करता