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सरस्वती शिशु मंदिर उच्च विद्यालय में शिशु वाटिका प्रशिक्षण

शिविर का हुआ आयोजन…..

सरायकेला। सरस्वती शिशु मंदिर उच्च विद्यालय सरायकेला के प्रांगण में शिशु वाटिका प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में सर्वप्रथम पूर्वी क्षेत्रीय शिशु वाटिका प्रमुख मंजू श्रीवास्तव, सरायकेला नगर पंचायत अध्यक्षा मीनाक्षी पटनायक और विद्यालय प्रबंधकारिणी समिति के सचिव रमानाथ आचार्य, प्रधानाचार्य पार्थ सारथी आचार्य द्वारा प्रशिक्षण शिविर का उद्घाटन किया गया। विद्यालय परंपरा अनुसार दीप प्रज्वलन एवं सामूहिक वंदनापोरांत कार्यक्रम को आगे बढ़ाया गया।

इस अवसर पर विशेष रूप से आमंत्रित मंजू श्रीवास्तव ने उपस्थित सभी शिक्षक शिक्षिकाओं को प्रशिक्षण दिए। अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि शिशु वाटिका शैक्षणिक सत्र का पहला पड़ाव है। इसे बल प्रदान करना सभी का परम कर्तव्य है। इसे तभी मजबूत बनाया जा सकता है, जब इसके लिए सही कदम एवं सही प्रयास किए जाएं। शिशु वाटिका के बारह आयाम हैं। इन आयामों के माध्यम से बच्चों को शिक्षा प्रदान करते हैं। इन आयामों में क्रीड़ांगन, रंगमंच, तरणताल, प्रदर्शनी घर, चिड़ियाघर, विज्ञान प्रयोगशाला, वस्तु संग्रहालय, कार्यशाला, चित्र पुस्तकालय, कलाशाला, बागवानी आदि शामिल हैं। इन आयामों के माध्यम से बच्चों को शिक्षा प्रदान करें, जिससे वे इसे अधिक से अधिक ग्रहण कर सकें।

शिशु वाटिका को जितना मजबूत बनाएंगे, विद्यालय उतना ही समृद्ध होगा। शिशु वाटिका विद्यालय के लिए नींव की ईंट के समान है। यह जितना मजबूत होगा, विद्यालय उतना ही उत्कृष्ट और सुंदर होगा। इसलिए इस पर विशेष रूप से ध्यान देना बहुत ही जरूरी है। विद्यालय प्रबंधकारिणी समिति के सचिव रमानाथ आचार्य ने कहा कि यह बच्चों का प्रारंभिक शैक्षणिक अवस्था है। इस समय बच्चों को खेल खेल में शिक्षा दी जानी चाहिए। विद्यालय के प्रधानाचार्य पार्थसारथी आचार्य ने कहा कि शिक्षक एवं शिक्षिकाओं के साथ अभिभावक भी विद्यालय के अहम अंग हैं।

उनका साथ हमारे लिए वांछनीय है। उनके सहयोग से ही विद्यालय की उत्तोरोत्तर प्रगति संभव होता है। शिशु वाटिका विद्यालय का पहला पड़ाव है। यह जितना मजबूत होगा, विद्यालय का स्तर उतना ही ऊंचा और उत्कृष्ट होगा। और इसमें अभिभावक महत्वपूर्ण स्थान निभा सकते हैं। कार्यक्रम के अध्यक्ष नगर पंचायत अध्यक्षा मीनाक्षी पटनायक ने शिशु मंदिर में आयोजित शिशु वाटिका प्रशिक्षण शिविर का भूरी भूरी प्रशंसा की और कहा कि इस प्रकार के आयोजन से बच्चों का विकास संभव हो पाएगा। बच्चे सही दिशा में आगे बढ़ पाएंगे। उन्हें सही तरह से शिक्षा प्राप्त हो सकेगा।

शिक्षा के साथ-साथ उन्हें अच्छे संस्कार भी प्राप्त होंगे। शिक्षा के क्षेत्र में यह एक सराहनीय कार्य है और शिशु मंदिर परिवार इस कार्य में हमेशा तत्पर है। इस शिशु वाटिका प्रशिक्षण शिविर में विद्यालय के उपाध्यक्ष विसकेशन सतपथी, कोषाध्यक्ष प्रसाद महतो , राष्ट्रीय समरसता प्रमुख विजय लाल , उप प्रधानाचार्य तुषार कांत पति ,सीनी, बुरुडीह, राजखरसावां के प्रधानाचार्य के साथ सरायकेला शिशु वाटिका प्रमुख सुष्मिता , आशा , पूर्णिमा , संध्या , नीलम , रंजन आचार्य के साथ सरायकेला संकुल के शिशु वाटिका से संबंधित शिक्षक शिक्षिकाएं तथा अभिभावक उपस्थित रहे।

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