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उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ संपन्न हुआ चार दिवसीय कठिन तप व्रत का पर्व छठ व्रत…

उगीं हे सूरज देव, बा अरघ के बेर..

सरायकेला: संजय मिश्र। आस्था का महान प्रकृति पर्व कठिन तप व्रत का चार दिवसीय छठ पूजन शुक्रवार की प्रातः उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के पश्चात देव दर्शन कर संपन्न हुआ। इसके तहत सरायकेला-खरसावां जिले में शहरी क्षेत्र के 68 और ग्रामीण क्षेत्र के 23 छठ घाटों पर श्रद्धा भाव के साथ छठ पूजन का आयोजन किया गया। जिसमें सरायकेला क्षेत्र के जगन्नाथ मंदिर छठ घाट, कुदरसाई मंदिर घाट, माजना घाट, शमशान काली मंदिर घाट, संजय नदी तट घाट सहित अन्य घाटों एवं जलाशयों तथा सीनी क्षेत्र के राजा तालाब, पंपु तालाब, मोहितपुर छठ घाट, सोना नाला छठ घाट एवं अन्य छठ घाटों पर छठ पूजन का आयोजन किया गया।

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जहां शुक्रवार की तड़के प्रातः से ही छठ व्रतियों और श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी रही। इस दौरान पूरा क्षेत्र छठ के मनोहारी गीतों से छठमय बना रहा। जिसमें बीते बृहस्पतिवार को अस्ताचलगामी सूर्य देव को प्रथम अर्घ्य देने के पश्चात शुक्रवार की प्रातः छठ व्रतियों ने नदी जलाशयों में स्नान कर उदीयमान सूर्य देव ध्यान कर उनका दर्शन करने के पश्चात उन्हें सूप और दउरा पर चढ़े भोग प्रसाद सामग्री का परिक्रमा करते हुए भेंट किये। इस दौरान भक्त श्रद्धालुओं द्वारा अर्ध्य अर्पण किया गया।

इसके बाद हवन यज्ञ करते हुए दीपदान किया गया। और कहीं संतान प्राप्ति के लिए तो कहीं संतान एवं परिवार के सुख समृद्धि के लिए सूर्य देव से प्रार्थना की गई। इसके पश्चात छठ व्रतियों ने देव दर्शन कर जल एवं प्रसाद ग्रहण कर 36 घंटे से चले आ रहे कठिन निर्जला उपवास व्रत को समाप्त किया। मौके पर श्रद्धालुओं के बीच विशेष छठ प्रसाद का वितरण किया गया। गहरी आस्था के साथ धार्मिक मान्यता है कि शुद्ध चित्त से छठ व्रत का पालन करने पर संतान की प्राप्ति के साथ-साथ संतान पर आने वाले सभी प्रकार के विभिन्न एवं कष्ट का नाश होता है। तथा परिवार में सुख एवं समृद्धि की प्राप्ति होती है।

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