राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन पहुंचे सरायकेला; स्कूली बच्चों और ग्रामीणों से संवाद करते हुए उन्होंने कहा…
(समाज के सबसे अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक बदलाव देखना चाहते हैं …)
सरायकेला (संजय कुमार मिश्रा /जगबंधु महतो )
सरायकेला। पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन सरायकेला पहुंचे। जहां उन्होंने सबसे पहले कुंवर विजय प्रताप सिंहदेव राज्य संपोषित बालिका + 2 उच्च विद्यालय सरायकेला पहुंचकर वहां के शिक्षकों और छात्राओं से संवाद किया। विद्यालय के लिए भूमि दान देने के लिए उन्होंने कुंवर विजय प्रताप सिंहदेव के परिवार के प्रति कृतज्ञता प्रकट की। इस दौरान उन्होंने विद्यालय के आईसीटी लैब, लाइब्रेरी एवं स्मार्ट क्लास का निरीक्षण करते हुए व्यवस्था की सराहना की। एक छात्रा ने संवाद के क्रम में राज्यपाल से सांसद एवं राज्यपाल के रूप में उनके अनुभव जानने का अनुरोध किया।
जिस पर राज्यपाल ने बताया कि सांसद के रूप में उन्होंने अपने क्षेत्र की जनता के लिए सड़क, बिजली, पानी, शिक्षा एवं रोजगार इत्यादि सुलभ कराने की दिशा में कार्य किए। और कोयंबटूर से छह अतिरिक्त ट्रेन का परिचालन कराने की दिशा में अपनी भूमिका निभाई। राज्यपाल के रूप में वे अपने संवैधानिक दायित्वों का निर्वहन कर रहे हैं। समाज के सबसे अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक बदलाव देखना चाहते हैं। एक अन्य छात्रा के प्रश्न का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि अपना कार्य बिना फल की चिंता करते हुए करें।
प्रत्येक कार्य के लिए समय का निर्धारण करें। बच्चों से संवाद करते हुए उन्होंने कहा कि उनके प्रेरणास्रोत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं। जो देश के विकास के लिए अथक प्रयास कर रहे हैं। जिसके कारण भारत विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश बन चुका है। इसलिए हमें भी लगातार प्रयास करना चाहिए, सफलता अवश्य मिलेगी।
दौरे के क्रम में राज्यपाल संजय ग्राम स्थित अनुसूचित जनजाति आवासीय उच्च विद्यालय सरायकेला पहुंचकर बच्चों से संवाद करते हुए उनके मध्य खेल सामग्रियों का वितरण किया। उन्होंने बच्चों से प्रदत्त शिक्षा, छात्रावास की व्यवस्था एवं खानपान के बारे में जानकारी प्राप्त की। बच्चों ने बताया कि उन्हें पौष्टिक भोजन दिया जाता है। और खाने में अंडा भी दिया जाता है। राज्यपाल ने कहा कि बच्चों के शारीरिक एवं मानसिक विकास के लिए प्रोटीनयुक्त भोजन का होना आवश्यक है। वह चाह रहे हैं कि आठवीं एवं नौवीं कक्षा के छात्र छात्राओं को भी सप्ताह में एक दिन अंडा और 2 दिन दूध सुलभ हो। इसके लिए अपने भ्रमण के पश्चात समाज कल्याण विभाग के साथ एक बैठक करने की बात उन्होंने कही। उन्होंने बच्चों को शिक्षा का महत्व समझाते हुए मन लगाकर पढ़ने के लिए प्रेरित किया।
इसके बाद राज्यपाल सरायकेला प्रखंड के ईटाकुदर गांव पहुंचकर ग्रामीणों से सीधा संवाद किए। जहां उन्होंने कहा कि झारखंड के कई सुदूरवर्ती गांवों दौरा कर चुके हैं। और कई सफल स्वयं सहायता समूह के सदस्यों से संवाद भी किए हैं। यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगा कि अब स्वयं सहायता समूह महिलाओं की दशा एवं दिशा बदलने के लिए सामाजिक क्रांति का रूप ले चुका है। संवाद के क्रम में गांव के मुखिया ने बताया कि उनके गांव के आजीविका का मुख्य स्रोत कृषि है। और वहां के लोगों को मनरेगा योजना के लाभ के साथ-साथ विभिन्न आवास योजना के तहत आवास भी मिलता है। सर्वजन पेंशन, एक सौ यूनिट फ्री बिजली, जल नल योजना एवं अन्य योजनाओं के द्वारा पंचायत में कार्य किए जा रहे हैं। आने वाले समय में ईटाकुदर पंचायत आदर्श पंचायत होगा। संवाद के क्रम में काशीडीह टोला एक महिला द्वारा बताया गया कि उनके टोला में पेयजल के लिए मात्र एक कुआं है, जो बहुत पुराना है और लोगों को इससे आवश्यकता अनुरूप जल प्राप्त नहीं हो पाता है।
राज्यपाल ने उपायुक्त को इस समस्या के निदान करने के लिए कहा। उपायुक्त ने महिला को आश्वस्त किया कि शीघ्र ही संबंधित अभियंता टोला में जाकर जल की समस्या को दूर करने के लिए समुचित रूपरेखा बनाएंगे। एक अन्य ग्रामीण ने कहा कि मानीटोला गांव में सड़क की आवश्यकता है। इस सड़क का निर्माण प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना या सरकार की अन्य योजना के माध्यम से किए जाने की बात कही गई। दुद्धी गांव की एक महिला ने बताया कि स्वयं सहायता समूह से जुड़ कर उनके जीवन में बदलाव आया है। इस अवसर पर राज्यपाल द्वारा लाभुकों के मध्य परिसंपत्तियों का वितरण भी किया गया। मौके पर उपायुक्त अरवा राजकमल, पुलिस अधीक्षक आनंद प्रकाश सहित अन्य पदाधिकारी एवं अधिकारी मौजूद रहे।