सरस्वती शिशु मंदिर उच्च विद्यालय सरायकेला में केंद्रीय सरकार द्वारा प्रायोजित कौशल विकास के बारे में छात्र छात्राओं को किया गया जागरूक…
सरायकेला (संजय कुमार मिश्रा )
सरस्वती शिशु मंदिर उच्च विद्यालय सरायकेला के शांतिकुंज में बैठक आयोजित की गई। जिसमें शशधर आचार्य सरायकेला छऊ के पूर्व निर्देशक एवं पद्मश्री से सम्मानित विशेष रुप से उपस्थित रहे। दीप प्रज्वलन एवं प्रार्थना के उपरांत विद्यालय के प्रधानाचार्य पार्थसारथी आचार्य ने आगंतुक अतिथियों का परिचय कराया। इस अवसर पर छऊ कलाकार सह केंद्रीय विद्यालय से सेवानिवृत्त शिक्षक राकेश आचार्य ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि छऊ आज किसी क्षेत्र विशेष का विषय नहीं रहा, यह वैश्विक विषय है। सरायकेला का छऊ सरायकेला के लिए जीवन मंत्र है। इसे बच्चों को भी अपनाना चाहिए।
यह हमारी पहचान भी है। सरायकेला छऊ के पूर्व निर्देशक पद्मश्री से सम्मानित शशधर आचार्य ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में गीत, नाटक, संगीत विषय की पढ़ाई के विषय पर अपने विचार रखते हुए कहा कि कला हर एक व्यक्ति के अंदर निहित है। कला मनुष्य के जीवन के हर क्षण से जुड़ी हुई है।
यह जीवन को संवारने में सहायता करता है। उन्होंने गीत और छऊ नृत्य अभिनय के साथ प्रस्तुतीकरण करके कक्षा नवम एवं दशम के बच्चों को इस कला के महत्व के बारे में बताए। इस अवसर पर विद्यालय प्रबंधकारिणी समिति के अध्यक्ष रमानाथ आचार्य, कोषाध्यक्ष प्रसाद महतो, उप प्रधानाचार्य तुषार कांत पति के साथ सभी शिक्षक शिक्षिकाएं उपस्थित रहे।