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मंत्री चंपाई सोरेन ने पर्यटन, कला संस्कृति, खेलकूद और युवा कार्य मंत्री को पत्र लिखकर सरायकेला में एक छऊ कला सांस्कृतिक अकादमी की स्थापना कराये जाने को कहा…

सरायकेला:संजय मिश्रा

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सरायकेला। छऊ कला के उत्थान और संरक्षण के लिए लंबे समय से चल रहे स्थानीय तौर पर प्रयास के बीच राज्य के अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण तथा परिवहन मंत्री चंपाई सोरेन ने राज्य के अल्पसंख्यक कल्याण, निबंधन विभाग एवं पर्यटन, कला संस्कृति, खेल-कूद और युवा कार्य विभाग मंत्री हफीजुल हसन को पत्र लिखकर सरायकेला में एक छऊ कला सांस्कृतिक अकादमी की स्थापना के लिए आवश्यक कार्यवाही करने की बात कही है।

अपने लिखे पत्र में उन्होंने कहा है कि सरायकेला का छऊ नृत्य कला एक प्राचीन सांस्कृतिक परंपरा है। यह नृत्य केवल अस्थाई मनोरंजन के लिए बनाई गई नाट्यकला नहीं है, बल्कि इसका आंतरिक उद्देश्य समग्र विकास जैसे सामाजिक सहाबस्थान, स्वास्थ्य, जीवन, सांस्कृतिक परंपरा एवं खासकर झारखंड राज्य का प्राचीनतम धरोहर है। इसे बचाना संपूर्ण मानव सभ्यता का दायित्व है। जो मनुष्य के प्राचीनतम जीवन जीने की कला को दर्शाता है। इसका वास्तविक संरक्षण और सर्वांगीण विकास के लिए एक छऊ अकादमी की स्थापना आवश्यक है।

जिसके लिए उन्होंने सरायकेला में एक छऊ कला सांस्कृतिक अकादमी की स्थापना करने के लिए आवश्यक कार्रवाई करने को कहा है। इसे लेकर स्थानीय छऊ कलाकार और छऊ कला प्रेमियों में विशेष उत्साह भी देखा जा रहा है। बताया जा रहा है कि सरायकेला में छऊ कला सांस्कृतिक अकादमी की स्थापना से निश्चित रूप से छऊ के संरक्षण के साथ-साथ सभी छोटे बड़े छऊ कलाकारों को पहचान और सम्मान मिल सकेगा। और छऊ कला के संरक्षण और उत्थान के लिए यह एक बेहतरीन पहल साबित हो सकेगी।

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