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आनंद मार्ग स्कूल कांड्रा में बाबा नाम केवलम कीर्तन और सत्संग

का हुआ आयोजन…..

सरायकेेला। आनन्द मार्ग स्कूल कांड्रा में बाबा नाम केवलम कीर्तन एवं सत्संग का आयोजन किया गया। जिसमें आनन्द मार्ग प्रचारक संघ की ओर से अवधुतिका आनन्द रुद्रवीणा आचार्या ने सत्संग को संबोधित करते हुए कहा कि आध्यात्मिक जीवन में यम नियम साधना में तप का महत्वपूर्ण योगदान है। दूसरे के शारीरिक मानसिक एवं आध्यात्मिक हित एवं कल्याण के लिए कष्ट का वरण करना ही तप है। अतः यह साधना का यह अभिन्नअंग है।

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समाज के हित की ओर समूह कल्याण की भावना जहां है वहां व्यष्टि कल्याण उसे हो चाहे नहीं हो किंतु उसी का नाम है ,”तपः तो तपः “का सर्वोत्तम उपाय है कि जन सेवा करना है , सेवा से आध्यात्मिक प्रगति तो अवश्य ही होती है। लेकिन जो जन सेवा करते हैं वह सेवा करते वक्त सबको नारायण समझकर करते हैं। मनुष्य समझकर नहीं तपः साधना का तात्पर्य ही है। इसलिए जनसेवा से आध्यात्मिक उन्नति तो अवश्य ही होती है, उसके अतिरिक्त क्या होता है मन सुनिर्मल होता है उस निर्मल मन से मनुष्य को कुछ भी करेगा उसी में उनकी जय होगी जनसेवा एक अति आवश्यक साधना है ,उसी जनसेवा से मनुष्य अनुभव करते हैं। उन पर परमात्मा की कृपा वर्षा हो रही है। साधारण मनुष्य जो अपना ही ही लेकर व्यक्तिगत स्वार्थ में व्यस्त रहते हैं ।

खुद परस्ती में व्यस्त रहते हैं वही शिकायत करते हैं कि लोगों पर जो परमात्मा की कृपा वर्षा हो रही है मुझ पर नहीं हो रही है मगर जो जनसेवा में करते हैं जन सेवा में आत्मविभोर किए हैं वह हर मोर्च में अनुभव करेंगे कि उन पर परमात्मा की कृपा वर्षा हो रही है।

परमात्मा का प्रेम परमात्मा की कृपा हर मूर्त में अनुभव करेंगे उससे उनका मानव जीवन धन्य होगा अंत में भुक्ति प्रधान सरायकेला खरसावां गोपाल बर्मन ने कहा धन्यवाद ज्ञापन किया और आने वाले सेवा मूलक कार्य में भाग लेने की अपील की। इस कार्यक्रम को सफल बनाने में भर्तृहरि, नरेश बर्मन, सुदर्शन सूर्य प्रकाश ,जगदीश जी का महत्वपूर्ण योगदान रहा।

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