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सरस्वती शिशु मंदिर उच्च विद्यालय सरायकेला के 35वाँ वार्षिक उत्सव समारोह का हुआ आयोजन…

सरायकेला:संजय मिश्रा

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सरायकेला। सरस्वती शिशु मंदिर उच्च विद्यालय सरायकेला के प्रांगण में पूरे हर्षोल्लास एवं भव्य आयोजन के साथ 35वाँ वार्षिक उत्सव मनाया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में जिला शिक्षा पदाधिकारी जितेंद्र प्रसाद सिन्हा उपस्थित हुये। कार्यक्रम का शुभारंभ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संघचालक सत्यनारायण अग्रवाल, विद्या विकास समिति के प्रांतीय सदस्य दिलीप कुमार गुप्ता, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ मातृ संस्था के जिला कार्यवाह मनोज शर्मा, प्रधानाचार्य पार्थ सारथी आचार्य, विद्यालय प्रबंध कार्यकारिणी समिति अध्यक्ष रामनाथ आचार्य की उपस्थिति में मुख्य अतिथि के द्वारा दीप प्रज्वलन के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ।

प्रधानाचार्य पार्थ सारथी आचार्य ने आगन्तुक अतिथियों को श्रीफल और अंग वस्त्र देकर सम्मानित किया। बच्चों के स्वागत गीत सह नृत्य ने आगंतुक अतिथियों के मन मोह लिया। प्रधानाचार्य ने विद्यालय का वार्षिक प्रतिवेदन प्रस्तुत करते हुए कहा कि 1989 से चंद बच्चों को लेकर विद्यालय की शुरुआत हुई और आज विद्यालय तरक्की के रास्ते पर चलते हुए इस पायदान तक पहुंच गया है। माध्यमिक बोर्ड परीक्षा में बच्चे शत प्रतिशत सफ़लता हासिल करने के साथ-साथ जिले में प्रथम स्थान प्राप्त कर रहे हैं। राज्य स्तर पर हमें दसवां स्थान प्राप्त है।

ओलिंपियाड परीक्षा में हमारे बच्चे प्रथम स्थान प्राप्त किया है। संस्कारगत वातावरण यहां की विशिष्ट पहचान है। अगले वर्ष से इंटरमीडिएट की पढ़ाई भी शुरू हो जायेगी। उन्होने कहा कि शिक्षा के माध्यम से हम समाज के साथ राष्ट्र को भी बदल सकते हैं। इस अवसर पर बच्चों के द्वारा कई तरह के कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए। कक्षा प्रथम के बच्चों ने आसमान को छूकर देखो गीत पर नृत्य प्रस्तुत किए। श्रीतिजा आचार्य एवं साथियों के द्वारा रविंद्र संगीत पर नृत्य प्रस्तुत किया गया। कक्षा द्वितीय की निशिता दुबे ने माँ पर एक सुंदर गीत प्रस्तुत की।

बच्चों के द्वारा गरबा, संबलपुरी, डांडिया, बिहू, लावणी, नागपुरी, संथाली, आसामी, काली तांडव आदि पर मनमोहक नृत्य प्रस्तुत किए। कक्षा आठवीं के बच्चों ने अंग्रेज़ी में शिक्षा पर आधारित नाटक प्रस्तुत किए। बच्चों के द्वारा प्रस्तुत बिहू नृत्य ने सबका मन मोह लिया। बच्चों के हरेक कार्यक्रम पर दर्शक थिरकते हुए नजर आए। कार्यक्रम बागवान सबके आकर्षण का केंद्र बना, जिसके माध्यम से बेटा लायक बनने पर माता पिता को वृद्धाश्रम भेजकर उनके साथ किस प्रकार का बर्ताव करते हैं, का उदाहरण प्रस्तुत किया गया।

बच्चों के द्वारा रविन्द्र संगीत सह नृत्य, संबलपुरी, जिंदगी एक सफ़र, गाड़ीवाला आया घर से कचड़ा निकाल, गुरु कुड़ी नृत्य, सत्यम शिवम् सुंदरम् नृत्य, काली तांडव आदि कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया। अंत में राष्ट्रगीत वन्देमातरम गायन के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।प्रधानाचार्य ने कार्यक्रम की सफलता पर सभी छात्र-छात्राओं, अभिभावकों और शिक्षक शिक्षिकाओं को बधाई दी।

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